Hindi, asked by ayushicherry17, 3 months ago

एक बार महाराज कृष्ण देव राय ने अपने राज्य का वार्षिक उत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया, उसमें आस-पास के राजाओं को भी आमंत्रित किया गया। सभी ने उससे कीमती उपहार दिए। उपहारों में चार कीमती फूलदान भी थे ,जो एक राजा ने दिए ।महाराज को यह फूलदान इतने अधिक भाए कि उन्होंने उनकी सुरक्षा के लिए अलग से एक सेवक तैनात कर दिया और उससे सख्त आदेश दिया कि यदि फुल दानों के रख-रखाव में किसी प्रकार की लापरवाही हुई या यह टूट गए तो उसे मृत्युदंड दिया जाएगा।
वह सेवक रात -दिन की हिफाजत करता था ।उन पर धूल भी नहीं लगने देता था लेकिन दुर्भाग्य से एक दिन अचानक एक फूलदान उसके हाथ से छूटकर टूट गया ।खबर सुनते ही महाराज आग -बबूला हो गए और उन्होंने एक इस लापरवाही सेवक को आठवें दिन फांसी देने का हुक्म दिया।
तेनालीराम को जब यह पता चला तो उन्होंने महाराज को समझाने की कोशिश की कि राम सिंह 20 वर्षों से उनकी सेवा में है , उसे इतनी मामूली नुकसान का इतना कठोर दंड उचित नहीं है ।महाराज ने उनकी एक न सुनी ।वह भी अपना सा मुंह लेकर लौट आए लेकिन उस सेवक की प्राण रक्षा का संकल्प कर लिया ।वे कागार में गए, सेवक से सारी बात की जानकारी ली और उसके कान में कुछ कह कर चले गए ।
दिन तेजी से बीते और फांसी वाला दिन आ गया। उस दिन सभी फांसी -गृह में एकत्रित हुए । महाराज अभी भी क्रोध में थे और सेवक को फांसी पर झूलता देखना चाहते थे । सेवक को फांसी के तख्ते पर चढ़ा दिया गया और तब जलादों ने उससे उसकी अंतिम इच्छा पूछी । सेवक ने कहा - "मैं बाकी बचे हुए फूलदान भी देखना चाहता हूं ,जिनकी वजह से मैं फांसी पर चढ़ाया जा रहा हू ।'
महाराज की अनुमति से तीनों फूलदान उसके सम्मुख लाए गए उसने आव देखा न ताव और उन दानों को जमीन पर पटक कर चूर-चूर कर दिया। महाराज के क्रोध की सीमा न रही और उन्हें ने दहाड़ते हुए पूछा -"मूख ।" यह कीमती फुल दान तोड़ दिए तुमने ? क्या मिला तुम्हें इन्हें तोड़कर ? तीन निर्दोषों का जीवन महाराज । निर्भीकता से वह बोला -जिस प्रकार मैं निर्दोष इन फुल दानों के कारण फांसी पर चढ़ाया जा रहा हूं, कभी ना कभी मेरी तरफ तीन और लोग भी फांसी पर चढ़ाए जा सकते हैं ।यह फूलदान मनुष्य के जीवन से अधिक कीमती नहीं है महाराज ।
उसकी यह बात सुनकर उन्हें तुरंत आभास हो गया कि क्रोध में वे यह कैसा अनर्थ करने जा रहे थे ।उन्होंने फौरन सेवक की फांसी स्थगित कर दी । ( 10 )
( 1 ) सेवक का क्या नाम था ?वह कहाँ काम करता था ?
( 2 ) उससे क्या काम सौंपा गया था ?उस काम के साथ क्या शर्त जुड़ी हुई थी?
( 3 ) तेनालीराम क्या चाहते थे ? उन्होंने अपने काम को पूरा करने के लिए क्या प्रयास किया ?
( 4 ) महाराज के पास फूलदान कब आए थे ? और फुल दानों का क्या हत्र हुआ ?
( 5 ) सेवक को फूलदान तोड़ने का मौका कब मिला ? फुल दान तोड़कर सेवक को क्या मिला ?​

Answers

Answered by bharvi631
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Answer:

1) ram Singh, he does his work in Maharaj krishn dev Rey's darbar

2) he was asked to see the pots, if any of the pot will broke then he would be hanged on fansi

3) he wanted to save ram Singh

4) yearly occasion

5) when he was asked about his last wish, he was saved from hanging up at fansi

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