Hindi, asked by yashwantkewat003, 2 days ago

" एक बारह सिंगा ------------- प्यासा ----------- नही के तट पर जाना ----------- परछाई देखना ---------- सींग खुबसुरत , पैर टेढे -भेडे़ --------- सींगों से खुश , पैरो से नफरत --------- शिकारी का आना --------- बाहह सींगे सींगे नें धोखा दिया ! " --------- सीख | ( कहानी लेखन )​

Answers

Answered by shashibhushan51392
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Explanation:

एक बारहसिंघा था।

वह अक्सर एक तालाब के पास जाया करता था और अपनी पानी में अपनी परछाई देखकर अपने आपसे कहता,

“मेरे सींग कितने सुंदर हैं! काश मेरे पैर भी इतने ही सुंदर होते!”

एक दिन एक शिकारी ने उसका पीछा किया।

बारहसिंघा घने जंगल की ओर भागा, लेकिन उसके सींग एक घनी झाड़ी में फंस गए। उसे लगा कि उसकी मौत अब पास आ चुकी है।

वह अपने सींगों को कोसने लगा।

आखिरकार, उसने अपने मज़बूत पैरों की सहायता से अपने आपको झाड़ी से मुक्त करा लिया।

इसके बाद वह अपने मजबूत पैरों से उछलता-कूदता जंगल में भाग गया और शिकारी से बचने में सफल हो गया।

बारहसिंघा ने अपने कुरूप पैरों को उसकी जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया, जबकि उसके सुंदर सींगों की वजह से तो उसकी जान ही जाने वाली थी।

वह सोचने लगा कि उसे संकट से बचने के लिए सींगों के बजाय पैरों की अधिक आवश्यकता है।

उसके बाद से उसने अपने पैरों को कभी कुरूप नहीं माना।

सीख- भगवान जो देते हैं हमारे भले के लिए ही देते

इसलिए हमें अपने आप को नहीं कोसना चाहिए ।

हमारा हर एक अंग हमारे काम का ही है, समय-समय पर सबका अपना - अपना प्रयोग है ।

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