Math, asked by aasthasharma07, 4 months ago

एक बेटी अपने पिता का गुरूर केसे होती है?​

Answers

Answered by rs8572640
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Answer:

एक पिता अपनी बेटी को सशक्त बनाता है ताकि वह आगे चलकर किसी पर भी निर्भर न हो. हर अच्छे कार्य में अपनी बेटी को बढ़ावा देना एक पिता को बखूबी आता है.

Answered by sukhwinderm9
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Answer:

कभी नरम तो कभी गरम अंदाज में बच्चों को अनुशासन और व्यावहारिकता का पाठ पढ़ाने वाले पापा ही नई पीढ़ी के सपनों को पंख फैलाने का आसमान देते हैं। इसी खुले आकाश में आज बेटियां बेहिचक उड़ान भर रही हैं। इस बदलाव के दौर में पापा एक मजबूत ढाल बन रहे हैं।

कभी नरम तो कभी गरम अंदाज में बच्चों को अनुशासन और व्यावहारिकता का पाठ पढ़ाने वाले पापा ही नई पीढ़ी के सपनों को पंख फैलाने का आसमान देते हैं। इसी खुले आकाश में आज बेटियां बेहिचक उड़ान भर रही हैं। इस बदलाव के दौर में पापा एक मजबूत ढाल बन रहे हैं।हर घर में बेटियां पिता की लाडली होती हैं। वैसे भी अक्सर यही कहा जाता है कि बेटे मां के करीब होते हैं तो बेटियां अपने पापा के ज्यादा करीब होती हैं। पापा की परी और घर में सबसे प्यारी, बड़ा गहरा चाव और लगाव होता है बाप-बेटी का, तभी तो उम्र के हर पड़ाव पर पापा उनके लिए खास भूमिका निभा रहे होते हैं। कभी बचपन में हर खेल में जीत दिलाने वाले सुपरमैन के रोल में होते हैं तो कभी बिटिया की विदाई के समय बच्चों की तरह फूट-फूटकर रोते हैं। पढ़ाई या नौकरी के लिए घर से दूर जा रही बेटी अपने लिए सबसे ज्यादा भरोसा और उम्मीद पिता की आंखों में ही देखती है। ऐसा ही होता है पापा का मन, जो प्रेम दिखाता तो नहीं पर निभाता जरूर है। इसी निभाव के लिए पिता बेटियों की उम्र के मुताबिक ढलते और साथ चलते रहते हैं, ताकि जीवन के हर पड़ाव पर बने रहें अपनी बिटिया का संबल। और शायद यही वजह है कि आज बेटियां अपने पापा के ज्यादा नजदीक हैं। वे पिता को अपना गुरु, अपना मार्गदर्शक मानती हैं और अपना सबसे अच्छा दोस्त भी। यही वजह है कि वे उनकी अंगुली हमेशा थामे रहती हैं, शादी के बाद भी।

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