English, asked by fstefiie, 9 months ago

एक बूंद
इस कविता के द्वारा माखनलाल चतुर्वेदी ने एक फूल के माध्यम से देशभक्ति की भावना प्रकट की है।
बादलों की गोद में से निकलकर पानी की एक बूंद आगे बढ़ी और बार-बार सोचने लगी कि वह
के लिए अपना सब कुछ न्योछावर किया है।
क्यों घर से बाहर निकली।
वह भगवान से पूछती है कि वह बच जायेगी या धूल बनकर मिट्टी में समा जायेगी। वह पूछती
ए हमें ज़्यादा पेड़ है कि वह अंगारे में पड़कर जल जायेगी या कमल के फूल के दलों पर गिरकर अपना स्थान
ग्रहण करेगी।
उस समय एक ऐसी हवा बहने लगी जिससे वह बूंद अनिच्छा से समुद्र में जाकर गिर पड़ी।
समुद्र में एक सुन्दर सीप का मुँह खुला था और वह बूंद उसी सीप में जाकर गिर पड़ी और वह
ही हमें ईश्वर को मोती बन गई।
(1890​

Answers

Answered by apurvakumari95722
4

Answer:

वाह यह तो बहुत अच्छी कविता है मेरे बुक में भी दिया है मैं आपको दिखा सकती हूं मैंने फोटो दिया है

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Answered by navigatormagsine
2

your the bund explanation was right.

You read I class 6 in morden convent school

please mark me as brainiest

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