एक भिखारी -भगवान का प्रसन्न होना -वरदान मांगने के लिए काहना- मुहवारे मांगना -भगवान की शर्त ,"जो मुहरे जमीन पार गिरेंगे , वे मिटती बन जाऐगे " - भिखारी के पास एक पुराणी झोळी -कूच मुहरे देना -लोभ मे अधिक मुहरे मंगना -झोळी फट जाणा -मुहरे जमीन पार गैर जाणा -सीख
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वो मुहावरे नहीं मुहरें मांगता है।
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कहानी लेखन।
Explanation:
लालची भिखारी।
- एक गांव में एक भिखारी रहता था। वह दिनभर भीख मांगकर अपना पेट पालता था। वह भगवान का बड़ा भक्त था।
- एक दिन भगवान उससे प्रसन्न हुए और उसे वरदान मांगने के लिए कहा। उसने भगवान से मुहरें मांगे। परंतु, भगवान ने उसके सामने यह शर्त रखी कि, "जो मुहरे जमीन पार गिरेंगे , वे मिट्टी बन जाएंगे"।
- भिखारी ने मुहरें इकट्ठा करने के लिए अपनी पुरानी झोली फैलाई। परंतु, वह कुछ मुहरों से संतुष्ट नही हुआ। उसने लालच में आकर भगवान से अधिक मुहरे मांगे।
- मुहरों की संख्या बढ़ने पर उसकी झोली फट गई और सारे मुहरें जमीन पर गिर गए और शर्त के अनुसार वे मिट्टी बन गए।
- इस प्रकार, लोभ के चक्कर में भिखारी को सारे मुहरें गवाने पड़े।
- सीख: लालच से इंसान का कभी भला नही होता, इसलिए कभी भी लालच नही करनी चाहिए।
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