एक छात्र होने के नाते भ्रूण हत्या को रोकने में आप किस प्रकार का योगदान दे सकते हैं
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श्यामशिक्षा समिति द्वारा कन्या भ्रूण हत्या बिषय पर आयोजित की गई संगोष्ठी में प्रशिक्षण के लिए धौलपुर आए भारतीय प्रशासनिक पुलिस सेवा के अधिकारियों ने भाग लिया।
संगोष्ठी में प्रशिक्षु अधिकारियों ने कन्या भ्रूण हत्या पर चिन्ता जताते हुए कहा कि गर्भ में पल रही बालिकाओं को जन्म लेने का पूर्ण अधिकार है। 21वीं सदी में यदि बालिकाओं की कोख में ही हत्या की जा रही है तो इससे शर्मनाक ओर कोई घटना नहीं हो सकती। कार्यक्रम के पूर्व में समिति के अध्यक्ष एवं बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष धनीराम शर्मा ने समस्त प्रशिक्षु अधिकारियों का साफा बांधकर माल्यापर्ण कर स्वागत किया। प्रशिक्षु अधिकारी वत्सला गुप्ता ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को आगे आकर योगदान देने का आव्हान किया। नमन उपाध्याय ने बेटी बचाओं, बेटी पढाओं पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि आज महिलाओं की स्थिति समाज में सुधर रही है इसके लिए सरकार द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिनका ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार करना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या एक जघन्य अपराध है, इसे समाज से जड़मूल नष्ट करने की आवश्यकता है। साथ ही समाज की बेटियों को साक्षर बनाने का भी प्रयास करना होगा तभी समाज में नारी की स्थिति सुधर सकेगी।
विकास चौहान ने भारत में विशेष कर राजस्थान में गिरते लिगंानुपात पर चिन्ता व्यक्त की। प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी मधुकर कुमार ने बालिकाओं के प्रति किसी भी तरह के उत्पीड़न के विरूद्ध समाज को आगे आकर विरोध करने का अाव्हान किया। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में नारी की भूमिका अहम है। हमें नारी शिक्षा के स्तर को आगे बढ़ाना होगा तभी समाज तरक्की कर सकेगा। इसके बाद वैद्यनाथन, एसएस देवान, सिद्धार्थ, अनुपम शुक्ला, आसिफ अली, हरेश कुमार, सौरभ आदि प्रशिक्षु अधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बीएल शर्मा ने किया। इस अवसर पर बबलू, गज्जू, संदीप, पंकज एवं वीरा आदि मौजूद रहे।
धौलपुर. संगोष्ठी में मौजूद अधिकारियों का स्वागत करते समिति पदाधिकारी।