Hindi, asked by pradeepv2728, 1 year ago

एक डाकू की आत्मकथा 100 से 150 शब्द का
निबंध

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Answered by mchatterjee
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हम डाकू नहीं है जन्म से परिस्थिति ने हमें डाकू बनाया है। हम चाहते थे शान से जीना। अपने घर में अपनों‌ ने ही खूब शोषण किया है और हमें डाकू बनाया है।

न वह शोषण करते और न हम ऐसे बनते। आज हम भी नौकरी करते और घर परिवार बहाते मगर अफसोस हमारी खुशी अधूरी रह गई और हम डाकू बन गए।

Answered by coolthakursaini36
8

Answer:

Explanation:

                    डाकू की आत्मकथा

डाकू शब्द ही क्रूरता का प्रतीक है। संसार का कोई भी व्यक्ति डाकू नहीं बनना चाहता है लेकिन वक्त और हालात उसे ऐसी स्थिति पर लाकर खड़ा कर देते हैं कि उसे गैरकानूनी रास्ता चुनना पड़ता है। मैं एक गांव में पला बढ़ा एक साधारण सा इंसान हूं। अपने साथ अन्याय को सहन न कर सका और कानून के दरवाजे पर जाने की बजाय मैंने हथियार उठा लिए जिस कारण आज की दुनिया मुझे डाकू के नाम से पुकारती है।

मैं कोई बुरा व्यक्ति नहीं हूं लेकिन हमारे समाज और कानून की नजर में मैं एक डाकू हूँ। मैंने अपना अधिकार पाने के लिए हथियार उठाए थे और हिंसा भी की थी आज पूरी की पूरी पुलिस फोर्स मेरे पीछे लगी हुई है। छिप छिप कर जीने से इस जीवन से मैं तंग आ चुका हूं। मैं भी साधारण आम आदमी की तरह जीवन यापन करना चाहता हूं।

कभी-कभी मैं सोचता हूं कि अपने आप को पुलिस के हवाले कर दूं। जंगलों में भटकने के पश्चात मुझे आभास हुआ कि मैंने गलत रास्ता चुना था मुझे अपने संविधान और कानून पर यकीन करना चाहिए था। डाकू बनना आसान होता है लेकिन उस स्थान से पीछे की जिंदगी में वापस आना बहुत ही कठिन कार्य है। मैं सभी नौजवानों को यह संदेश देना चाहता हूं कि कभी भी गुस्से में आकर इस तरह का कदम ना उठाएं यह कोई जीवन नहीं है और ना ही यह कोई समस्या का हल है।

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