एक एल्कीन "A", O₃ तथा Zn — H₂O के साथ अभिक्रिया करने पर सममोलर अनुपात में प्रोपेनोन तथा एथनल देता है। एल्कीन "A", HCl के मिलाने पर "B" मुख्य उत्पाद के रूप में देता है। उत्पाद "B" की संरचना है :
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Answer:
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उत्पाद 'B' की संरचना है CH₃-CCH₃Cl-CH₂CH₃ । अतएव, विकल्प (3) सही उत्तर है।
• किसी एल्कीन की ओज़ोन (O₃) तथा ज़िंक एवं जल (Zn - H₂O) के साथ अभिक्रिया होने पर, उसकी द्विबंध ऑक्सीजन परमाणुओं द्वारा टूट जाती है एवं उस जगह ऑक्सीजन जुड़ जाती है। इससे हमें एक एल्कोहोल तथा एक कीटोन प्राप्त होता है। इस प्रक्रिया को ओज़ोनोलिसिस कहते हैं।
• दिए गए प्रश्न में, एक एल्कीन की ओज़ोनोलिसिस होने पर सममोलर अनुपात में प्रोपेनोन तथा एथनल प्राप्त होता है । यदि इन दोनों उत्पादों से ऑक्सीजन परमाणुओं को हटाकर, आपस में द्विबंध से जोड़ दिया जाए, तो प्राप्त यौगिक एल्कीन 'A' होगी।
• अतएव, CH₃COCH₃ (प्रोपनोन) एवं CH₃CHO (एथनल) को जोड़कर, CH₃(H₃C-C) = CHCH₃ (A), अर्थात्, 2-मेथिलब्यूट-2-इन प्राप्त होगी।
• अतः दी गई अभिक्रिया को निम्न रूप से दर्शाया जा सकता है :
CH₃(H₃C-C) = CHCH₃ (A) + O₃ + Zn - H₂O → CH₃COCH₃ + CH₃CHO
• अब, 2-मेथिलब्यूट-2-इन एवं HCl के बीच अभिक्रिया को इस प्रकार दर्शाया जा सकता है:
CH₃-(H₃C-C) = CH-CH₃ (A) + HCl → CH₃-CCH₃Cl-CH₂CH₃ (B)
अतः उत्पाद 'B' है 2-क्लोरो-2-मेथिलब्यूटेन (CH₃-CCH₃Cl-CH₂CH₃) ।
• उपरोक्त अभिक्रिया मार्कोवनिकोव नियम द्वारा आगे बढ़ती है। जिस द्विबंधिय कार्बन परमाणु पर अधिक संख्या में हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित होती हैं, उसी कार्बन पर HCl से हाइड्रोजन परमाणु जुड़ती है, एवं दूसरी द्विबंधिय कार्बन पर Cl जुड़ती है।