एक फू ल की चाह किवता स्पर्श पद अनुभाग
Answers
Answered by
0
Explanation:
व्याख्या - कवि कहता है कि जो बच्ची कभी भी एक जगह शांति से नहीं बैठती थी, वही आज इस तरह न टूटने वाली शांति धारण किए चुपचाप पड़ी हुई थी। कवि कहता है कि उसका पिता उसे झकझोरकर खुद ही पूछना चाहता था कि उसे देवी माँ के प्रसाद का फूल चाहिए और वह उसे उस फूल को ला कर दे। पाकर समुदित रवि कर जाल। मुखरित उत्सव की धारा।
Similar questions