‘एक फूल की चाह’ कविता में सुखिया के पिता सुखिया को नया जीवनदान देने के लिए क्या लेकर जल्दी जाने लगे ?
फूल
दीप
प्रसाद
Answers
सही उत्तर है, विकल्प...
O फूल
व्याख्या:
‘एक फूल की चाह’ कविता में सुखिया के पिता सुखिया को नया जीवन दान देने के लिए एक फूल लेकर जल्दी जाने लगे थे।
सुखिया एक बच्ची थी, जिसे पहाड़ी पर देवी माँ के मंदिर के फूल की चाह थी। वह चाहती थी कि उसे देवी माँ के मंदिर के प्रसाद का फूल मिले, लेकिन महामारी के कारण सुखिया बीमार पड़ गई और वह मरणासन्न स्थिति में पहुंच गई थी। ऐसी स्थिति मे बीमार सुखिया ने अपने पिता के सामने ही इच्छा प्रकट की कि वे देवी माँ के मंदिर के प्रसाद का फूल चाहती है। इसी कारण सुखिया के पिता मंदिर से देवी मां के प्रसाद का फूल लाकर अपनी बेटी की इच्छा पूरी करनी चाहते थे ताकि सुखिया शायद बच जाए।
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Answer:
- एक फूल की चाह’ कविता में सुखिया के पिता सुखिया को नया जीवनदान देने के लिए फूल लेकर जल्दी जाने लगे।
- 'एक फूल की चाह’ कविता का कवि हे सियारामसरण गुप्त। यह कविता छुआछूत को समस्या पर केन्द्रित हे।
- महामारी को दोरान अछूत बालिका सुखिया बिमार हो जातो हे।बह अपने पिता से देबी को प्रसाद का एक फूल लाने को कहतो हे। दुखी पिता मन्दिर गया था फुल लाने को लिये लेकिन अछूत बोलकर उसे थप्पड, मुक्को से पीट देते हे। देबी का अपमान करने के लिए सात दिन की साजा होती हे। इस दोरान सुखिया मर जाती हे।