एक ग्रह एक तारे से कैसे अलग होते हैं
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तारे अपने आसपास के अन्य तारों के अपेक्षा स्थिर बने होते हैं अर्थात वे एक समूह में एक दिशा से दूसरी दिशा की ओर चलते हैं और एक निश्चित आकृति का निर्माण करते हैं, उदाहरण के लिए सप्त ऋषि तारासमुह। जबकि ग्रह एक नक्षत्र से दूसरे नक्षत्र (तारा समूह) में विचरण करते हैं, इसलिए ग्रहों को तारों से अलग पहचाना जा सकता है।
सौर मंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो इस मंडल में एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। किसी तारे के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हुई उन खगोलीय वस्तुओं के समूह को ग्रहीय मण्डल कहा जाता है जो अन्य तारे न हों, जैसे की ग्रह, बौने ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, क्षुद्रग्रह, उल्का, धूमकेतु और खगोलीय धूल।[5][6] हमारे सूरज और उसके ग्रहीय मण्डल को मिलाकर हमारा सौर मण्डल बनता है।[7][8] इन पिंडों में आठ ग्रह, उनके 172 ज्ञात उपग्रह, पाँच बौने ग्रह और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं। इन छोटे पिंडों में क्षुद्रग्रह, बर्फ़ीला काइपर घेरा के पिंड, धूमकेतु, उल्कायें और ग्रहों के बीच की धूल शामिल हैं।
सौर मंडल के चार छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह जिन्हें स्थलीय ग्रह कहा जाता है, जो मुख्यतया पत्थर और धातु से बने हैं। और इसमें क्षुद्रग्रह घेरा, चार विशाल गैस से बने बाहरी गैस दानव ग्रह, काइपर घेरा और बिखरा चक्र शामिल हैं। काल्पनिक और्ट बादल भी सनदी क्षेत्रों से लगभग एक हजार गुना दूरी से परे मौजूद हो सकता है।
सूर्य से होने वाला प्लाज़्मा का प्रवाह (सौर हवा) सौर मंडल को भेदता है। यह तारे के बीच के माध्यम में एक बुलबुला बनाता है जिसे हेलिओमंडल कहते हैं, जो इससे बाहर फैल कर बिखरी हुई तश्तरी के बीच तक जाता है।
Answer:
Tare Apne Aas Paas ke Anya Taron ki Apeksha it Bane rahte hain aathava Ek samuh mein Ek Disha Se dusri Disha ki aur Chale Jaate Hain aur ek nishchit Aakruti ka Aakar Lete Hain udaharan ke liye Sapt Rishi Tara samuh jabki Grah ek nakshe se dusri nakshe (Tara Sa muh) Tara samuh Mein vicharan Karte Hain isliye Grah aur Taro se alag pahchana Ja sakta hai