एक गाँव ----गाँव के बाहर रास्ते में एक पत्थर ---लोगों का उससे टकराना ---किसी का उसे न हटाना ---भला- बुरा कहते आगे बढ़ना ---एक किसान का आना ---पत्थर हटाकर दूर रखना --- पत्थर के नीचे रुपयों की थैली--- चिठ्ठी --- पत्थर हटाने का इनाम--- परिणाम---सीख।06-Feb-2021
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म.प्र. के खेतीहर मजदूर के लिए मुखयमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना संचालित हैं जिसके अंतर्गत पंजीकृत मजदूर व उस पर आश्रिमि सदस्यों को विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ दिया जाता हैं।
उदेद्श
पात्रता
ग्राम पंचायत में पांच वर्ष से नियमित निवास कर रहा हो।
आवेदक की आयु 18 वर्ष से 59 वर्ष के मध्य हो।
मजदूरी करने में सक्षम हो।
कृषि/उद्यानिकी/वनरोपण/वनोउपज संग्रह/मत्स्याखेट आदि मजदूरी कर जीवकोपार्जन करता हो।
आवेदक/ उसके परिवार के सदस्य के पास किसी भी तरह की कृषि भूमि न हो।
आवेदक अन्य किसी अर्थात म0प्र0 भवन संनिर्माण कर्मकार मण्डल, हम्माल एवं तुलावटी तथा इस प्रकार की अन्य श्रमिक संवर्ग की राज्य सरकार की अन्य कल्याणकारी योजना के अन्तर्गत पंजीकृत न हो।
अपात्रता - पंजीयन हेतु पात्रता की शर्तो में न आने वाले आवेदक। शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले आवेदक तथा सहायता राशि के संबंध में दिये गये मापदण्ड के भीतर योजनांतर्गत परिवार की परिभाषा में न आने वाले व्यक्ति पंजीयन/सहाय ता हेतु अपात्र माने जायेगे।
लाभ
प्रसूति अवकाश सहायता
चिकित्सा सहायता
छात्रवृत्ति/मेद्यावी छात्र पुरस्कार
विवाह सहायता
बीमा अनुग्रह सहायता
अन्त्येष्टि सहायता
प्रक्रिया
पंजीयन- ग्राम पंचायत की अनुशंसा पर मुखय कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा 7 दिवस की अवधि के भीतर किया जावेगा
पंजीयन शुल्क रुपये 10/- होगा, जो कि ग्राम पंचायत में जमा कराया जायेगा तथा प्रत्येक वर्ष के अंत में जमा राशि का विवरण मुखय कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के माध्यम से आयुक्त, सामाजिक न्याय को भेजेगा ।
पंजीयन अवधि 5 वर्ष की होगी।
पंजीयन का नवीनीकरण - मूल पंजीयन अवधि के समाप्त होने वाली तिथि से अगले 5 वर्ष के लिए ग्राम पंचायत की अनुशंसा पर नवीनीकरण अगले 5 वर्षो हेतु किया जा सकेगा, इस हेतु यह अनिवार्य होगा, कि हितग्राही ग्राम पंचायत में रहकर मजदूरी कर रहा हो तथा पात्रता की शर्तो में आता हो।
पंजीयन का निरसन - पंजीकृत हितग्राहियों ने योजना के मापदण्डों से हटकर अन्य जीवकापर्जान हेतु अन्य कोई श्रम/व्यवसाय/नौकरी/करने लगा हो तथा अपने मूल निवास स्थान से विस्थापित हुए छः माह से अधिक का समय हो गया हो। सचिव, ग्राम पंचायत प्रत्येक आयोजित ग्राम सभा में पंजीकृत हितग्राहियों के नाम पढ़कर अनुमोदित करायेगे और जो मृत हो गये है या विस्तापित हो गय है उनका पंजीयन निरसन हेतु मुखय
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ये कहानी एक
गरीब किसान की है, जो की बहुत ही ज्यादा गरीब तो है, साथ ही बहुत मेहनती भी है. उसकी मेहनत की दास्तान ही इस कहानी का रियल मोटिव है. तो क्या होता है इस कहानी मैं अब हम आपको बताते है. ये बात कई साल पुरानी है. किसी राज्य में एक राजा हुआ करता था. राजा ने एक बार अपने राज्य के लोगों की परीक्षा लेनी चाही. एक दिन उसने क्या किया कि सुबह सुबह जाकर रास्ते में एक बड़ा सा पत्थर रखवा दिया.
अब तो सड़क से जो कोई भी निकलता उसे बड़ी परेशानी हो रही थी. लेकिन कोई भी पत्थर हटाने की कोशिश नहीं कर रहा था. राजा यह सब छुपकर देख रहा था, कुछ देर बाद उसके राज्य के मंत्री और अन्य बड़े बड़े और धनी लोग भी वहाँ आए but किसी ने भी पत्थर हटाने की कोशिश नहीं की बल्कि सभी राजा को ही गालियाँ दे रहे थे कि रास्ते में इतना बड़ा पत्थर पड़ा है और राजा इसे हटवा क्यूँ नहीं रहा है. कुछ देर बाद वहाँ एक ग़रीब किसान आया जिसके सर पे बड़ा सा सब्जी का गट्ठर रखा हुआ था जब वह पत्थर से गुज़रा तो उसे वजन की वजह से काफ़ी परेशानी हो रही थी.
तो उसने अपने सर से सब्जी की गठरी उतारी और पत्थर को पूरी ताक़त से हटाने में जुट गया. वो पत्थर बहुत बड़ा था but किसान ने हार नहीं मानी और कुछ ही देर में रास्ते से पत्थर हटा दिया. जैसे ही वो वहाँ से चला उसने देखा की पत्थर वाली जगह पर एक थैला पड़ा हुआ था जोकि राजा ने पत्थर के नीचे छुपा दिया था.
किसान ने थैला खोला तो देखा उसमें सोने के 10000 सिक्के थे और एक पत्र था जिसमें लिखा था, पत्थर हटाने वाले को राजा की ओर से इनाम. अब तो किसान फूला नहीं समा रहा था.
Seekh:जीवन में आने वाली हर परेशानी भी एक अच्छा अवसर लेकर आती है जो लोग नकारात्मक सोचते हैं वो इसे समझ नहीं पाते और अवसर खो देते हैं वहीं अच्छी सोच के व्यक्ति चुनौती स्वीकार करते हैं और अवसर का लाभ उठाते हैं।