Hindi, asked by surajbhasme121, 4 months ago

एक गांव में रितिक नाम का लड़का रहता था वह बहुत गरीब था गांव के पास पुस्तक मेला लगा था उसने मां से कहा में भी मेला देखने जाऊंगा उसकी मां बोली देखो घर में कोई बड़ा नहीं है तुम अकेले कैसे जाओगे इतनी दूर बेटा मेला देखने की जिद छोड़ दो चलो दूध पी लो अपनी मां की बात सुनकर रुट्विक उदास हो गया और एक पेड़ के नीचे जा बैठा अचानक उसकी दृष्टि दोष पेड़ों के पीछे गए जहां बहुत तेज रोशनी थी वह उठकर बाहर गया वह सुनहरे पंखों वाली एक पर खड़ी थी ऋत्विक ने हैरान होकर उस पर से पूछा तुम कौन हो वह बोली मैं परी हूं लेकिन तुम यहां उदास क्यों बैठे हो परी का प्रश्न सुनकर उनकी आंखों में आंसू आ गए वह बोला मैं अपने दोस्तों के साथ पुस्तक मेला देखने देखना और पुस्तक खरीदना चाहता हूं यह का करत वे खामोश हो गया तब परी बोली इसमें दुख की क्या बात है यह समझ लो तुम्हारी मदद करने के लिए ही में आई हूं ऐसा मैं कभी करूंगी जब तुम मेरी परीक्षा में उत्तरी न हो जाओगे कौन सी परीक्षा है ऋतिक ने पूछा परी ने कहा बता दिया तो परीक्षा कैसे ठीक है ऐसा क्यों करूं तू एक बार से चला गया अभी वह बहुत दूर ही गया था कि उसे रास्ते में गिरी हुई एक पुतली मिली पृथ्वी को यह विश्वास हो गया कि लाल रंग की इस मखमली पोटली में कोई कीमती चीज होगी उसने उसे खोलना चाहा फिर सोचने लगा जब यह मेरे नहीं है तो इसे खोलने का मुझे कोई हक नहीं मैं बोली नहीं खोली तभी किसी की आवाज उसके कानों में पड़ी बेटा मेरी प्ले गिरी गिर गई है रास्ते में क्या तुमने देखी थी और कोई पहचान बताओ रितिक ने राहगीर से कहा उस पर एक परी का सुनहरे रंग में चित्र बना है राजगीर का जवाब था ऋत्विक ने अपने थैले से जब यह पुतली निकाली तो उस पर सपा परी का चित्र चमकने लगा ऋत्विक ले वह पोटली राहगीर को दे दी सुबह उठकर वह वही पहुंचा जहां उसे पड़ी मिली थी देखा तो वहां कोई नहीं था वह बैठ गया उसकी आंखों के सामने वह लाल रंग की पोटली दिखाई देने लगे तभी तेज प्रकाश पहला सामने पर ही खड़ी थी सॉरी के दोनों हाथ पीछे थे परी ने पूछा कैसे हो ठीक हो रितु एक ने जवाब दिया तभी परी ने कहा अपनी आंखें बंद करो मैं तुम्हें इनाम दूंगी किस बात का ऋतिक ने पूछा तुम उस दिन हो गए इसलिए परी परी की बात समझ में नहीं आ रही थी उसने आंखें बंद कर ली ने उसके हाथों में एक मखमली थोड़ी पकड़ा देखा तो हैरान रही थी जो उसने जागीर को दी थी परी ने कहा कल मैं नहीं तुम्हारी इमानदारी की परीक्षा ली थी और आगे भी मैं तुम्हें मैं तुम्हें रही हूं पर ईमानदार व्यक्ति के जीवन में किसी वस्तु की कभी कमी नहीं होती जाओ अब तुम्हारे पास शब्द नहीं थे जिनसे वह परी को धन्यवाद देता खुशी से उसकी आंखें भर आई अपनी मां को दी उसकी समझ में नहीं आया कि उसका बेटा उसे क्या दे रहा है जब वहां वह पोटली खोलने लगी तब वह बहुत खुश हुई इसलिए ईमानदारी का फल मीठा ही होता है ​

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Answered by aksh2009
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can you please give the question for this paragraph

Answered by bandanajaiswal748
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रमयरथणरललदचडगण़़णडी़लभबररबचधलनंधव

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