एक इमानदार व्यक्ति से चाय कुमार कभी नहीं छोड़ताएक इमानदार व्यक्ति सच्चाई का मार्ग कभी नहीं छोड़ता
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ईमानदार होने का अर्थ है अपने कार्यों और वचनों में अशुद्धता से परहेज करना, और न तो परमेश्वर को और न ही मनुष्य को धोखा देना। कुछ लोग परमेश्वर की उपस्थिति में नियम-निष्ठ और उचित शैली में व्यवहार करते हैं और विशेष रूप से "शिष्ट" व्यवहार करते हैं, मगर पवित्रात्मा की उपस्थिति में वे अवज्ञाकारी हो जाते हैं और सभी संयम खो देते हैं।
केवल कुछ डर के कारण सच बोलना, एक व्यक्ति को वास्तविक रुप से ईमानदार नहीं बनाता। यह एक अच्छा गुण है, जिसे लोगों को हमेशा अपने व्यवहार में आत्मसात करना चाहिए। सत्य हमेशा कड़वा होता है हालांकि, हमेशा अच्छे और स्वस्थ परिणाम देता है।
केवल कुछ डर के कारण सच बोलना, एक व्यक्ति को वास्तविक रुप से ईमानदार नहीं बनाता। यह एक अच्छा गुण है, जिसे लोगों को हमेशा अपने व्यवहार में आत्मसात करना चाहिए। सत्य हमेशा कड़वा होता है हालांकि, हमेशा अच्छे और स्वस्थ परिणाम देता है।ईमानदारी वह शक्ति है, जो भ्रष्टाचार को हटाने की क्षमता को रखती है और समाज के बहुत से मुद्दों को हल कर सकती है। शुरुआत में, ईमानदारी का अभ्यास जटिल और उलझन वाला हो सकता है हालांकि, बाद में व्यक्ति को बेहतर और राहत महसूस कराती है। यह एक व्यक्ति को किसी भी बोझ से राहत देने के साथ ही स्वतंत्र बनाती है।
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