एक जंगली गधे ने एक बार एक पालतू गधे को देखा । पालतू गधे को बहुत अच्छा खाना और रहन -सहन की जगह मिला करती थी । यह सब देखने के बाद जंगली गधे को पालतू गधे से जलन होने लगी । उसने पालतू गधे को बधाई दीऔर कहा कि तुम कितने ख़ुशनसीब हो। पालतू गधा बहुत खुश हुआ और घमंड करने लगा । एक दिन जब जंगली गधे ने देखा कि पालतू गधे की पीठ पर बहुत सारा सामान रखा हुआ है तथा उसका मालिक उसे डंडे से मार रहा है । उन दोनोंके विचारों में परिवर्तन हुआ । जंगली गधे ने सोचा कि मेरी कितनी आजादी भरी जिंदगी है । वह बहुत खुश हुआ । दोनों को सुख की कीमत पता लग गई। Tell me the moral of this story
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इस कहानी से हमें ये सिक्षा मिलती है कि, हमें दूसरों के रहन सहन को देखकर घृणा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ज़रूरी नहीं है कि हर चमकती हुई चीज सोना हो। इस कहानी में पहले जंगली गधा, पालतू गधे से जल रहा था पर जब उसे पता चला कि पालतू गधे का मालिक उसपर ढेर सारा सामान रखकर उसे मार रहा है, उसे समझ आ गया कि उसकी ज़िन्दगी कितनी आजादी भरी है।
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शीख- जेसा दिखता है वैसा नाही होता है .
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