एक जुगनू ने कहा मैं भी तुम्हारे साथ हूँ,
वक्त की इस धुंध में तुम रोशनी बनकर दिखो।
एक मर्यादा बनी है हम सभी के वास्ते,
गर तुम्हें बनना है मोती सीप के अंदर दिखो।
डर जाए फूल बनने से कोई नाजुक कली,
तुम ना खिलते फूल पर तितली के टूटे पर दिखो।
कोई ऐसी शक्ल तो मुझको दिखे इस भीड़ में,
मैं जिसे देखू उसी में तुम मुझे अक्सर दिखो।
अ-3) पद्याश की प्रथम चार पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
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- akakakakaksjsjsnnsnssnnsmsm kxkkzlslsmxmmxmxmxkskksjnxnjskqoallsididkdkdk
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yxjsjjdkdmdndksksoppqskkddl dkskkxkcknckdkla kxkxkxkkx
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एक जुगनू ने कहा मैं भी तुम्हारे साथ हूँ,
वक्त की इस धुंध में तुम रोशनी बनकर दिखो।
एक मर्यादा बनी है हम सभी के वास्ते,
गर तुम्हें बनना है मोती सीप के अंदर दि
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