एक जमाना वह भी रहा होगा ,जब उन सूखे दरख्तों में हरियाली रही होगी जिसकी छाद में न जाने कितने लोग
सुकून महसूस करते होंगे। आज जो बूदे है ,कल वे जवान थे और उन्होंने अपने देश,समाज और परिवार के लिए
अपनी क्षमता के अनुसार बहुत कुछ किया होगा। यह सहज प्राकृतिक प्रक्रिया हासिओ कि एक पीढ़ी अगली पीढ़ी
को जनम देती है और यही नहीं,उसे सांसारिक संघर्षों में अपना अस्तित्व कायम रखने के लिए तैयार भी करती है
,बिलकुल वैसे ही जैसे एक चिड़िया अपने चूजों का तब तक साथ देती है जब तक वे उड़ना न सीख लें और अपना
पेट पलने की क्षमता उनमे न आ जाये लेकिन इंसानों के मामले में यह कहानी एक कड़ी और आगे बढ़ती है।
बचपन माता-पिता के नियंत्रण में बीतता है,नौजवानो में भी एक भरोसा रहता है कि कोई तो है,जरुरत के वक्त में
जिसकी और ताका जा सके। फिर जीवन का वह मोड़ आता है जब माँ बाप की उम्र जवाब देने लगती है तब
इंसानियत का तकाजा यही कहता है कि जीवन संध्या में रौशनी का काम वो करे जिनकी भोर को उन्होंने सुनहरा
बनाया था। ये सच है की कमाने खाने की जद्दोजहद ने लोगो को इतना मजबूर कर दिया की उनके पास दूसरों के
लिए वक़्त नहीं है।
1) गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक बताये।
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Answer:YOU KNOW I DONT KNOW THAT BUT YOUR SINGLE
Explanation:
IMMA RIGGTH
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