(एकाका)
(चित्तौड़ के भीतरी भाग में महाराणा साँगा की पत्नियाँ-कर्मवती, जवाहरबाई तथा क्षत्राणियाँ थालियों में राखी
सजाए खड़ी हैं। बहनें टीका करके भाइयों को राखी बाँधती हैं और तलवारें देती हैं।)
कर्मवती : मेवाड़ में ऐसी रंगीन श्रावणी कभी नहीं आई होगी। भाइयो, क्षत्राणियों की राखियाँ सस्ती नहीं
होतीं। हम पैसे लेकर राखी नहीं बाँधतीं। राखी के तारों का प्रतिदान सर्वस्व बलिदान है। जिन्हें
प्राण देने का चाव हो, वे ही राखियाँ स्वीकार करें।
please read this and send me
Answers
Answered by
0
Answer:
eis vykya ka karna he Hindi me
Similar questions