एकांकी के आधार पर रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए।
Answers
Answered by
242
उत्तर :
इस एकांकी ‘रीढ़ की हड्डी’ के आधार पर रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएं निम्नलिखित है:
रामस्वरूप:
रामस्वरूप एक लड़की के पिता है। उनमें लड़की के पिता होने के कारण एक अनावश्यक विवशता है। वह अधेड़ उम्र के व्यक्ति हैं। वह किसी भी प्रकार से अपनी बेटी उम्र का रिश्ता गोपाल प्रसाद के बेटे शंकर से कर देना चाहते हैं इसी कारण वह अपनी बेटी को शिक्षा को भी छिपाते है। वे समाज से डरते हैं। रामस्वरूप थोड़ी थोड़ी सी बात पर झुंझलाने वाला व्यक्ति है। उसके नौकर और उसके बीच हुई बातचीत में उसकी झुंझलाहट को देखा जा सकता है। नारी शिक्षा के पक्ष में तो है किंतु नारी को संपूर्ण अधिकार देने के पक्ष में नहीं है। इसी वजह से वह अपनी बेटी उमा द्वारा गोपाल प्रसाद को खरी खरी खोटी सुनाने पर परेशान हो उठता है।
गोपाल प्रसाद :
गोपाल प्रसाद एक लड़के का पिता है। गोपाल प्रसाद में लड़की के पिता होने का गर्व है। इस एकांकी में गोपाल प्रसाद नारी का शत्रु दिखाई देते हैं।वह महिला शिक्षा के विरोधी हैं। वह आज भी नारी को घर की चारदीवारी में कैद करके रखना चाहते हैं। उनकी नज़र में शादी एक व्यापार है साथ ही वह दहेज के लोभी भी है। वह बहुत दकियानूसी और अपने अतीत से चिपके रहने वाले व्यक्ति हैं। उनके अनुसार इस संसार में सारे सम्मान और अधिकारों का हकदार केवल पुरुष है। वह एक आत्मप्रशंसक व्यक्ति भी है। उन्हें अपनी प्रशंसा खुद कर के आनंद महसूस होता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
इस एकांकी ‘रीढ़ की हड्डी’ के आधार पर रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएं निम्नलिखित है:
रामस्वरूप:
रामस्वरूप एक लड़की के पिता है। उनमें लड़की के पिता होने के कारण एक अनावश्यक विवशता है। वह अधेड़ उम्र के व्यक्ति हैं। वह किसी भी प्रकार से अपनी बेटी उम्र का रिश्ता गोपाल प्रसाद के बेटे शंकर से कर देना चाहते हैं इसी कारण वह अपनी बेटी को शिक्षा को भी छिपाते है। वे समाज से डरते हैं। रामस्वरूप थोड़ी थोड़ी सी बात पर झुंझलाने वाला व्यक्ति है। उसके नौकर और उसके बीच हुई बातचीत में उसकी झुंझलाहट को देखा जा सकता है। नारी शिक्षा के पक्ष में तो है किंतु नारी को संपूर्ण अधिकार देने के पक्ष में नहीं है। इसी वजह से वह अपनी बेटी उमा द्वारा गोपाल प्रसाद को खरी खरी खोटी सुनाने पर परेशान हो उठता है।
गोपाल प्रसाद :
गोपाल प्रसाद एक लड़के का पिता है। गोपाल प्रसाद में लड़की के पिता होने का गर्व है। इस एकांकी में गोपाल प्रसाद नारी का शत्रु दिखाई देते हैं।वह महिला शिक्षा के विरोधी हैं। वह आज भी नारी को घर की चारदीवारी में कैद करके रखना चाहते हैं। उनकी नज़र में शादी एक व्यापार है साथ ही वह दहेज के लोभी भी है। वह बहुत दकियानूसी और अपने अतीत से चिपके रहने वाले व्यक्ति हैं। उनके अनुसार इस संसार में सारे सम्मान और अधिकारों का हकदार केवल पुरुष है। वह एक आत्मप्रशंसक व्यक्ति भी है। उन्हें अपनी प्रशंसा खुद कर के आनंद महसूस होता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Answered by
207
रामस्वरूप – आधुनिक और प्रगतिशील विचारधाराओं से संपन्न परन्तु एक मजबूर पिता हैं। वे एक तरफ़ तो स्त्री-शिक्षा के समर्थक है परन्तु बेटी के विवाह के समय यही शिक्षा वे छिपाने का प्रयास करते हैं जिससे उनकी विवशता तथा कायरता झलकती है।
रामगोपाल – रामगोपाल निहायती चालक, बड़बोले – लालची और पढ़े-लिखे होने के बावजूद स्त्री-पुरुष की समानता में अविश्वास रखनेवाले व्यक्ति के रूप में उभरते हैं। इसी कारणवश वे अपने मेडिकल में पढ़ने वाले बेटे का विवाह कम पढ़ी-लिखी लड़की से करवाना चाहते हैं। वे विवाह जैसे पवित्र रिश्ते को भी बिजनेस मानते हैं इससे उनका लालची स्वभाव पता चलता है।
रामगोपाल – रामगोपाल निहायती चालक, बड़बोले – लालची और पढ़े-लिखे होने के बावजूद स्त्री-पुरुष की समानता में अविश्वास रखनेवाले व्यक्ति के रूप में उभरते हैं। इसी कारणवश वे अपने मेडिकल में पढ़ने वाले बेटे का विवाह कम पढ़ी-लिखी लड़की से करवाना चाहते हैं। वे विवाह जैसे पवित्र रिश्ते को भी बिजनेस मानते हैं इससे उनका लालची स्वभाव पता चलता है।
Similar questions