एकाका राक्ष
11. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दे-
तिब्बत की जमीन बहुत अधिक छोटे बड़े जागीरों में बंटी है। इन
जागीरों का बहुत ज्यादा हिस्सा मठों (विहारों) के हाथ में है।
अपनी-अपनी जागीर में हरेक जागीरदार कुछ खेती खुद भी
कराता है, जिसके लिए मजदूर बेगार में मिल जाते हैं। खेती का
इंतजाम देखने के लिए वहाँ कोई भिक्षु भेजा जाता है, जो जागीर
के आदमियों के लिए राजा से कम नहीं होता। शेकर की खेती के
मुखिया भिक्षु (नासे) बड़े भद्र पुरुष थे। वह बहुत प्रेम से मिले,
हालाँकि उस वक्त मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ ख्याल
करना चाहिए था। यहाँ एक अच्छा मंदिर था, जिसमें कंजुर
(बुद्ध-वचन-अनुवाद) की हस्तलिखित 103 पोथियाँ रखी हुई थी,
मेरा आसन भी वहीं लगा। वह बड़े-बड़े मोटे कागजों पर अच्छे
अक्षरों में लिखी हुई थीं, एक पोथी 15-15 सेर से कम नहीं थी।
(6) शेकर की खेती के मुखिया कौन थे?
(1
(ii) तिब्बत में प्रचलित जागीरदारी व्यवस्था का वर्णन करें। (2
(iii) कंजुर क्या है? इनकी विशेषताएँ लिखिए। (
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जिसके लिए मजदूर बेगार में मिल जाते हैं। खेती का
इंतजाम देखने के लिए वहाँ कोई भिक्षु भेजा जाता है, जो जागीर
के आदमियों के लिए राजा से कम नहीं होता। शेकर की खेती के
मुखिया भिक्षु (नासे) बड़े भद्र पुरुष थे। वह बहुत प्रेम से मिले,
हालाँकि उस वक्त मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ ख्याल
करना चाहिए था। यहाँ एक अच्छा मंदिर था, जिसमें कंजुर
(बुद्ध-वचन-अनुवाद) की हस्तलिखित 103 पोथियाँ रखी हुई थी,
मेरा आसन भी वहीं लगा।
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