एक कार्नो इंजन 327 डिग्री सेल्सियस तथा 177 डिग्री सेल्सियस ताप ओं के मध्य कार्य करता है इसकी दक्षता की गणना कीजिए
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Hi dear
जैसा की हम जानते है कि अनुत्क्रमणीय इंजन की दक्षता का मान उत्क्रमणीय इंजन की तुलना में बहुत कम होती है , दक्षता बढ़ाने के लिए दहन कक्ष में उत्पन्न होने वाले ताप का मान बढ़ा देना चाहिए , दहन कक्ष में ताप का मान बढ़ने से इंजन की दक्षता बढ़ जाती है।
उत्क्रमणीय इंजन की दक्षता का मान समान ताप पर हमेशा समान रहता है चाहे ताप किसी भी ईंधन से प्राप्त किया जाए , अगर उत्पन्न ताप का मान समान है तो दक्षता का मान भी समान होगा।
वैज्ञानिक लियोनार्ड कार्नाट ने ” एक ऐसे इंजन की कल्पना की जिसमे उत्पन्न पूरी ऊष्मा का इस्तेमाल कार्य के रूप में रूपांतरित करने में किया जाए अर्थात इस इंजन में किसी भी प्रकार की ऊष्मा या उर्जा का कोई नुकसान न हो , इसे कार्नो इंजन कहा गया। “
चूँकि हम जानते है कि किसी भी युक्ति की दक्षता का 100% नहीं होती है , उसमे किसी न किसी प्रकार की ऊर्जा हानि अवश्य होती है इसलिए ही कार्नो इंजन को एक कल्पना और आदर्श ऊष्मा इंजन कहा जाता है। लेकिन यह इंजन व्यवहार में प्राप्त नहीं किया जा सकता क्योंकि किसी भी इंजन की दक्षता का मान 100% प्राप्त नहीं किया जा सकता।
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