एकाकासचय
Read the extract given below and answer In Hindi the questions that follow :-
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी में लिखिए :-
Question 3
अपने प्राण खपाकर भाभी ने भैया को तो बचा लिया है, परंतु भैया के पास भाभी को बचाने
के लिए प्राण नहीं है।
संस्कार और भावना
लेखक-विष्णु प्रभाकर
1.उपर्युक्त पंक्तियों के वक्ता और श्रीता कौन हैं ? वक्ता का परिचय दीजिए। [2]
2 भाभी के प्राण संकट में क्यों हें ओर भेया उन्हें क्यों नहीं बचा सकते?
[2]
3.वक्ता की बातें सुनकर श्रोता की क्या प्रतिक्रिया होती है और वह क्या निर्णय लेती है ?क्या उसका निर्णय सही है? कारण सहित लिखिए।
[3]
4.इस एकांकी का उद्देश्य प्रतिपादित कीजिए।
[3]
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Answers
Answer:
प्रश्न क-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
अपराध और किसका है। सब मुझी को दोष देते हैं। मिसरानी कह रही थी बहू किसी की भी हो, पर अपने प्राण देकर उसने पति को बचा लिया।
यहाँ पर किसके कौन-से अपराध की बात हो रही है?
उत्तर:
यहाँ पर अतुल और अविनाश की माँ खुद के रुढ़िवादी विचारों तथा जात-पात के संस्कारों को मानने के अपराध की बात कर रही है।
प्रश्न क-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
अपराध और किसका है। सब मुझी को दोष देते हैं। मिसरानी कह रही थी बहू किसी की भी हो, पर अपने प्राण देकर उसने पति को बचा लिया।
माँ ने अविनाश की बहू को क्यों नहीं अपनाया? समझाकर लिखिए।
उत्तर :
माँ एक हिन्दू वृद्धा है। वे हिन्दू समाज की रूढ़िवादी संस्कारों से ग्रस्त हैं। वे संस्कारों की दास हैं। एक मध्यम परिवार में अपने पुराने संस्कारों की रक्षा करना धर्म माना जाता है। माँ भी वहीं करना चाहती थी। उसका बड़ा बेटा अविनाश अपनी माँ की इच्छा के विरुद्ध एक बंगाली लड़की से प्रेम-विवाह कर आया परन्तु माँ ने अपनी रूढ़िवादी मानसिकता के कारण विजातीय बहू को नहीं अपनाया।
प्रश्न क-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
अपराध और किसका है। सब मुझी को दोष देते हैं। मिसरानी कह रही थी बहू किसी की भी हो, पर अपने प्राण देकर उसने पति को बचा लिया।
बहू ने किसे और किस बीमारी से प्राण देकर बचा लिया?
Explanation:
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