Hindi, asked by Udayeswari, 9 months ago

"एक कहानी यह भी" पाठ में लेखिका कभी भी अपनी मां को अपना आदर्श क्यों नहीं बना पाई?​

Answers

Answered by anshumfp6
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Answer:

उत्तर:

"लेखिका मन्नू भंडारी की माँ त्याग और धैर्य की पराकाष्ठा थीं।" त्याग व परिश्रम की मूर्ति थीं, फिर भी वह लेखिका की आदर्श न बन सकीं क्योंकि लेखिका को अपनी माँ को चुपचाप हर बात को मान लेना, पिताजी की किसी भी बात का विरोध न करना, अपने लिए कोई आवाज़ न उठाना, परिवार के लिए अपनी इच्छाओं का दमन कर अपने को उनकी खुशी के लिए स्वाहा कर देना लेखिका के व्यक्तित्व के विपरीत था। लेखिका उस समय की सक्रिय युवती थीं जो हर अनैतिकता के खिलाफ़ खड़ी होती थीं, जुलूस व हड़तालों में भाग लेती थीं। वह उत्साह और ओज से भरी आज़ादी के लिए लड़ने वाली युवती थीं। उन्हें अपनी माँ का दबूपन व अत्याचार का विरोध न करना कभी पसंद न आया।

Answered by Anonymous
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