Hindi, asked by shakil4488chas, 9 months ago


‘एकै खाक गढ़े सब भाडै एकै कोहरा सांनां- इस पंक्ति का आशय स्पष्ट की​

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Answered by shishir303
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‘एकै खाक गढ़े सब भाडै एकै कोहरा सांनां’

ये पंक्तियां कबीर दास द्वारा रचित पदों से ली गई हैं। इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने ईश्वर की महत्ता का बखान किया है।

कबीर इन पंक्तियों में कहते हैं कि हम सब एक ही मिट्टी के से बने बर्तन हैं, अर्थात परमात्मा रूपी कुम्हार ने हम सबको तत्व से बनाया है, अर्थात एक ही तरह की मिट्टी से गढ़कर हमें बर्तन का आकार दिया है। हमारे आकार में तो भिन्नता हो सकती है, लेकिन हमारी जो आत्मा है, वह उसी एक परमात्मा का अंश है इसलिए शरीर के दृष्टि से भले ही हम भिन्न हों, लेकिन आत्मा की दृष्टि से हम एक ही है, क्योंकि हमें एक ही परमात्मा ने कुम्हार का रूप धारण करके तत्व रूपी मिट्टी से गढ़कर हम बर्तन रूपी पात्र बनाए हैं।

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Answered by singhmanas894
2

Answer:

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