एक लेख लिखिए। 8 हिन्दी गद्य की दो प्रमुख विधाओं पर टिप्पणी लिखिए। 9. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। कुमार यह मृत्यु और निर्वासन का सुख तुम अकेले ही लोगे ऐसा नहीं हो सकता। राजा की इच्छा त्या है, यह जानते हो? मुझसे और तुमसे एक साथ ही छुटकारा! तो फिर वही क्यों न हो हम दोनों ही चलेगा मृत्यु के गह्वर में प्रवेश करने के समय मैं भी तुम्हारी ज्योति बनकर बुझ जाने की कामना रखती हो और भी एक विनोद, प्रलय का परिहास, देख सकूँगी। मेरे सहचरी! तुम्हारा वह ध्रुवस्वामिनी का वेश ध्रुवस्वामिनी हीन देखे तो किस काम का?
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hi,
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nsnssmsmmsmammsmskskskskmfjjchduejwka
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