Hindi, asked by parthchopade2021, 3 days ago

एक लालची आदमी - कड़ी तपस्या करना देवता का प्रसन्न होना वरदान – दौड़कर जितनी
जमीन घेरोगे, उतनी तुम्हारी – दौड़ते रहना थककर गिरना – मृत्यु – सीख। kahani lekhan

Answers

Answered by shrutikshajadhav
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Answer:

आदमी ने सोच कर जवाब दिया हे देवता आप मुझे जो दे सकते हैं वह दीजिए. यह सुनकर देवता बोले ठीक है मैं तुम्हें वरदान देता हूं तुम तोड़कर जितनी जमीन करोगे उतनी तुम्हारी होगी यह सुनकर आदमी बहुत खुश हो गया. उसने दौड़ना शुरू किया,उसे लालच आया वह दिन रात भागता ही रहा. महीने से भी ज्यादा हो गया वह भागता ही रहा.

Explanation:

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Answered by shankarbhosale171976
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Answer:

उत्तर :

अत्यधिक लालच का परिणाम

अथवा

लालच बुरी बला

एक गाँव में एक संपन्न आदमी रहता था। उसका नाम रामेश्वर था। उसके पास काफी खेती-बारी थी। लेकिन वह बहुत लालची था। वह अधिक से अधिक जमीन पाने के लिए अधीर रहता था।

एक बार उसने अपनी इस इच्छा के बारे में एक साधु से चर्चा की। साधु ने रामेश्वर को एक मंत्र बताया और उससे कहा, "इस मंत्र का जाप करने से तुम्हारी इच्छा अवश्य पूरी होगी।'

रामेश्वर ने साधु के बताए अनुसार जाप करना शुरू कर दिया। एक दिन उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवता उसके सामने प्रकट होकर बोले, "वत्स, तुम्हारी तपस्या से मैं प्रसन्न हूँ। क्या चाहिए तुम्हें ? रामेश्वर ने कहा, "प्रभु, मुझे वरदान दीजिए कि गाँव में मेरे पास सबसे अधिक जमीन हो जाए।

देवता ने कहा, “तथास्तु। बेटा, सूर्यास्त होने के पहले दौड़कर जितनी जमीन घेर लोगे उतनी जमीन तुम्हारी हो जाएगी।" फिर देवता अंतर्धान हो गए।

रामेश्वर ने दौंडना सुरू किया | वह दोडता हि रहा आखिरकार व बेहोश होकर गिर पडा | लोगों ने दौडकर उसे उठाया , किंतु उसके हदय की गति बंद पड चुकि थी | जमीन के लालच मैं रामेश्वर ने जान गवा दी |

सीख : लालच आदमी को खा जाता है |

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