Hindi, asked by Shumaque11, 9 months ago

एक मौलिक कहानी लिखिए, जिसका आधार प्रस्तुत उक्ति हो - “खोदा पहाड़, निकली चुहिया|” in only 250 words.

Answers

Answered by Govindthapak
85

Explanation:

उपरोक्त कहानी निम्नानुसार है:

एक बार की बात है, दो मित्र थे। दोनों बहुत अच्छे नाविक थे।

एक का नाम था सुमन एवं दूसरे का नाम था

साकेत।

एक बार सुमन और साकेत दोनों अपनी अपनी नाव लेकर मछली पकड़ने के लिए गए। अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए वह इस कार्य को करते थे।

वह मछली को पकड़ने के लिए काफी लंबी निकल गए। परिणाम स्वरूप उन्हें वापस आने में रात्रि हो गई। वह दोनों एक टापू पर रात्रि व्यतीत करने के लिए रुक गए। वहां दोनों जब रात्रि को सो रहे थे तब उनको लगा कि जहां वह सो रहे हैं वहां की भूमि कुछ अजीब लगी उनको।

तो उन्होंने खोदना प्रारंभ कर दिया। काफी लंबे समय तक खुदाई करने के बाद उनको एक बक्सा मिला। लेकिन उस बख्शी के ऊपर एक ताला लगा हुआ था।

उस ताले को खोलने के लिए दोनों प्रयासरत रहे। ताला खोलती खोलती उन्हें रात्रि व्यतीत हो गई और सुबह कब हुई उन्हें पता ही नहीं चला।

आखिरकार जब सुबह ताला खुल गया तब उस संदूक में से केवल एक रुपए का सिक्का निकला।

इसे कहते हैं खोदा पहाड़ निकली चुहिया।

इस मुहावरे का अर्थ होता है बहुत अधिक परिश्रम करने पर या कोई बहुत बड़ी बात लगने पर बहुत छोटा परिणाम मिलना या कोई छोटी बात निकलना।

Answered by aryansahoo17
0

Answer:

Explanation:

एक बार की बात है, दो मित्र थे। दोनों बहुत अच्छे नाविक थे।

एक का नाम था सुमन एवं दूसरे का नाम था

साकेत।

एक बार सुमन और साकेत दोनों अपनी अपनी नाव लेकर मछली पकड़ने के लिए गए। अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए वह इस कार्य को करते थे।

वह मछली को पकड़ने के लिए काफी लंबी निकल गए। परिणाम स्वरूप उन्हें वापस आने में रात्रि हो गई। वह दोनों एक टापू पर रात्रि व्यतीत करने के लिए रुक गए। वहां दोनों जब रात्रि को सो रहे थे तब उनको लगा कि जहां वह सो रहे हैं वहां की भूमि कुछ अजीब लगी उनको।

तो उन्होंने खोदना प्रारंभ कर दिया। काफी लंबे समय तक खुदाई करने के बाद उनको एक बक्सा मिला। लेकिन उस बख्शी के ऊपर एक ताला लगा हुआ था।

उस ताले को खोलने के लिए दोनों प्रयासरत रहे। ताला खोलती खोलती उन्हें रात्रि व्यतीत हो गई और सुबह कब हुई उन्हें पता ही नहीं चला।

आखिरकार जब सुबह ताला खुल गया तब उस संदूक में से केवल एक रुपए का सिक्का निकला।

इसे कहते हैं खोदा पहाड़ निकली चुहिया।

इस मुहावरे का अर्थ होता है बहुत अधिक परिश्रम करने पर या कोई बहुत बड़ी बात लगने पर बहुत छोटा परिणाम मिलना या कोई छोटी बात निकलना।

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