एक निचित धनराशि पर दो वर्ष में
में
अब अर्जित चक्रवृद्धि व्याज 1320 ₹
है। 3 वर्ष के अंत में चक्रवृद्धि व्याज 2184 ₹ है। मूलधन जात कीजिए।
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जब उधार ली गई धनराशि का ब्याज समय पर न देकर उसे धनराशि में जोड़ दिया जाता है और फिर उस धनराशि और ब्याज के प्राप्त योग पर ब्याज लगाया जाता है, तो उसे चक्रवृद्धि ब्याज कहते हैं। उधार दी गई राशि को मूलधन तथा (मूलधन + ब्याज) के योग को चक्रवृद्धि मिश्रधन कहते हैं।
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