एक नई शुरुआत कहानी को संक्षेप में अपने शब्दों में लिखिए
Answers
Answer:
कहानी, हिन्दी में गद्य लेखन की एक विधा है। उन्नीसवीं सदी में गद्य में एक नई विधा का विकास हुआ जिसे कहानी के नाम से जाना गया। बंगला में इसे गल्प कहा जाता है। कहानी ने अंग्रेजी से हिंदी तक की यात्रा बंगला के माध्यम से की। मनुष्य के जन्म के साथ ही साथ कहानी का भी जन्म हुआ और कहानी कहना तथा सुनना मानव का आदिम स्वभाव बन गया। इसी कारण से प्रत्येक सभ्य तथा असभ्य समाज में कहानियाँ पाई जाती हैं। हमारे देश में कहानियों की बड़ी लंबी और सम्पन्न परंपरा रही है।
कथाकार (एक प्राचीन कलाकृति)
प्राचीनकाल में सदियों तक प्रचलित वीरों तथा राजाओं के शौर्य, प्रेम, न्याय, ज्ञान, वैराग्य, साहस, समुद्री यात्रा, अगम्य पर्वतीय प्रदेशों में प्राणियों का अस्तित्व आदि की कथाएँ, जिनकी कथानक घटना प्रधान हुआ करती थीं, भी कहानी के ही रूप हैं। 'गुणढ्य' की "वृहत्कथा" को, जिसमें 'उदयन', 'वासवदत्ता', समुद्री व्यापारियों, राजकुमार तथा राजकुमारियों के पराक्रम की घटना प्रधान कथाओं का बाहुल्य है, प्राचीनतम रचना कहा जा सकता है। वृहत्कथा का प्रभाव 'दण्डी' के "दशकुमार चरित", 'बाणभट्ट' की "कादम्बरी", 'सुबन्धु' की "वासवदत्ता", 'धनपाल' की "तिलकमंजरी", 'सोमदेव' के "यशस्तिलक" तथा "मालतीमाधव", "अभिज्ञान शाकुन्तलम्", "मालविकाग्निमित्र", "विक्रमोर्वशीय", "रत्नावली", "मृच्छकटिकम्" जैसे अन्य काव्यग्रंथों पर साफ-साफ परिलक्षित होता है। इसके पश्चात् छोटे आकार वाली "पंचतंत्र", "हितोपदेश", "बेताल पच्चीसी", "सिंहासन बत्तीसी", "शुक सप्तति", "कथा सरित्सागर", "भोजप्रबन्ध" जैसी साहित्यिक एवं कलात्मक कहानियों का युग आया। इन कहानियों से श्रोताओं को मनोरंजन के साथ ही साथ नीति का उपदेश भी प्राप्त होता है। प्रायः कहानियों में असत्य पर सत्य की, अन्याय पर न्याय की और अधर्म पर धर्म की विजय दिखाई गई हैं।
Explanation:
follow me
Mark me as BRAINLIEST❤️
Answer:
लेखिका श्रीमती कमला चमोला जी ने "एक नई शुरुआत" कहानी में ऐसे बच्चों की मनोदशा का वर्णन किया है जो बहुत विद्रोही और उग्र होते हैं, लेकिन अगर ऐसे बच्चों को प्रोत्साहित किया जाए और उन्हें जिम्मेदारी सौंपी जाए, तो वे सामान्य बच्चों से बेहतर कर सकते हैं। कर सकते हैं।
Explanation:
6 महीने पहले कक्षा में आए श्रीकांत को जब मॉनिटर बनाया गया तो सभी बच्चे बहुत खुश हुए, लेकिन सुधीर बहुत चिढ़ गए.
यही कारण है कि श्रीकांत को परेशान करने के लिए वह अक्सर अपने दोस्तों के साथ मिलकर क्लास में शोर मचाता था, कभी झगड़ा करता था तो कभी साफ किए हुए ब्लैक बोर्ड को गंदा कर देता था।
श्रीकांत अपने सहपाठियों से सीखता है कि सुधीर सार्वजनिक दंड और शिक्षकों द्वारा सभी के लापरवाह व्यवहार के कारण इतना विद्रोही और उग्र हो गया है।
श्रीकांत ने सुधीर को स्कूल के वार्षिक उत्सव में अभिनय करने की पेशकश, छात्राओं को अभ्यास के बाद घर छोड़ने और फीस जमा करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य देकर अपना स्नेह और विश्वास व्यक्त किया, जिसके कारण सुधीर के व्यवहार में धीरे-धीरे बदलाव आया।
तब श्रीकांत ने सुधीर के अपने प्रति नकारात्मक व्यवहार की परवाह नहीं की, और उन्हें प्रोत्साहन और जिम्मेदारियां देने और उन पर भरोसा करने का फैसला किया।
इस तरह श्रीकांत के कारण सुधीर धीरे-धीरे जिम्मेदार और विनम्र होते गए। उनके इस परिवर्तन के कारण एक दिन उन्हें कक्षा के मॉनीटर जैसा महत्वपूर्ण पद भी प्राप्त हो गया। तो श्रीकांत के स्नेह और विश्वास ने सुधीर को पूरी तरह से बदल दिया और उनके जीवन की शुरुआत हो गई।
#SPJ2