Geography, asked by dhanvantari1730, 9 months ago

• एक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि “हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले।” दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्त्व दिया है कि “मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।” यह फाकामस्ती का उदाहरण है। अभाव में भी खुश रहना फाकामस्ती कही जाती है। कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कविता में परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई हैं ?

Answer:
विरोधाभास वाली काव्य-पंक्तियाँ :-

(i) आए बनकर उल्लास अभी,

आँसू बनकर बह चले अभी।

(यहाँ उल्लास भी है और आँसू भी है) कवि सुख- दुख को समान भाव से लेता है।

(ii) हम भिखमंगों की दुनिया में,

स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले।

(यहाँ भिखमंगों का उल्लेख है और लुटाना भी है) कवि दूसरों को प्यार व खुशियाँ देकर खुद बिना कुछ लिए चला जाता है।

(iii) हम स्वयं बँधे थे और स्वयं,

हम अपने बंधन तोड़ चले​

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Answered by rithvikricky
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तुम बहुत सुंदर हो तुमको ब्रेन है मुझे ब्रेन बता बना मुझे

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