एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा प्रवाह का वर्णन करें।
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एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा प्रवाह का वर्णन निम्न प्रकार से है :
ऊर्जा के निरंतर स्रोत के बिना किसी भी पारिस्थितिक तंत्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, सूर्य का प्रकाश ही सभी जीवों के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। सूर्य से प्राप्त प्रकाश ऊर्जा के उपयोग की क्षमता के उत्पादकों में होती है। उत्पादक , प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करते हैं व इसे संचित कर लेते हैं।
इसी संचित कार्बनिक पदार्थ का उपयोग उपभोक्ताओं द्वारा किया जाता है व यह ऊर्जा ही उन्हें गतिमान बनाए रखती है। इस प्रकार भोजन ऊर्जा का स्रोत न होकर वास्तव में ऊर्जा प्रवाह का एक माध्यम है। हरे पेड़ पौधों को खाकर शाकाहारी जीव ऊर्जा के प्राप्ति करते हैं व शाकाहारी जीवों को विभिन्न मांसाहारी जीवों द्वारा खा लिया जाता है । इस प्रकार पारिस्थितिक तंत्र में एक पोषी स्तर से दूसरे पोषण स्तर में ऊर्जा का स्थानांतरण भोजन के रूप में होता है, जिसे उर्जा प्रवाह कहते हैं। इस प्रकार विभिन्न पोषक स्तरों के मध्य उर्जा प्रवाह एकदिशीय होती है।
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Explanation:
एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा प्रवाह का वर्णन निम्न प्रकार से है :
ऊर्जा के निरंतर स्रोत के बिना किसी भी पारिस्थितिक तंत्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, सूर्य का प्रकाश ही सभी जीवों के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है।