एक प्रयचीन विदियन कय कथन है – ‘ विश्ियसऩयत्र मभत्र से फडी यऺय यहती है। जजसे ऐसय मभत्र मभर जयए, उसे सभझनय चयठहए
कक खजयनय मभर गमय। ‘विश्ियसऩयत्र मभत्र जीिन की एक औषध है। हभें अऩने मभत्रों से मह आशय यखनी चयठहए कक िे उत्तभ
सॊकल्ऩों से दृढ़ कयेंगे, दोषों औय त्रुठिमों से हभें फचयएॉगे, हभयये सत्म, ऩवित्रतय औय भमयादय के प्रेभ को फढ़यिय देंगे, जफ हभ
कुभयगा ऩय ऩैय यखेंगे तफ िे हभें सचेत कयेंगे, जफ हभ उदयस होंगे, तफ हभें प्रसन्न कयेंगे। बयि मह है कक िे हभें
उत्तभतयऩूिका जीिन ननियाह कयने भें हय तयह से सहयमतय देंगे। सच्ची मभत्रतय भें उत्तभ से उत्तभ िैदम की-सी ननऩुणतय औय
ऩयख होती है, अच्छी से अच्छी भयतय कय-सय धैमा औय कोभरतय होती है। ऐसी ही मभत्रतय कयने कय प्रमत्न प्रत्मेक भनुष्म को
कयनय चयठहए।
उऩमुक्ा त गदमयॊश के आधयय ऩय ननम्नमरखखत प्रश्नों के उत्तय मरखखए- 5×1=5
(क) जीिन की औषध ककसे कहय गमय है?
(ख) सच्ची मभत्रतय भें उत्तभ से उत्तभ ननऩुणतय औय ऩयख ककसकी तयह होती है?
(ग) अच्छी भयतय कय-सय धैमा ककसभें होतय है?
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bharat mata ki jay bharat mata ki jay
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भमयादय
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