Physics, asked by shardabareth, 6 months ago

एक परिनालिका की लंबाई 2मीटर व व्यास 3सेमी‌‌‌‌‌. है।इस पर 1000 फेरो के 5सतह है तथा इसमे 5एम्पियर धारा परवाहित हो रही है ।परिनालिका के केन्दर् पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीवरृता ज्ञात कीजिए।​

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Answered by palakprajapati2010
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Answer:

एक वृताकार कुंडली जिसकी त्रिज्या 8.0 cm तथा फेरों की संख्या 20 है अपने ऊर्ध्वाधर व्यास के परित :

एक वृताकार कुंडली जिसकी त्रिज्या 8.0 cm तथा फेरों की संख्या 20 है अपने ऊर्ध्वाधर व्यास के परित :की कोणीय आवृति से

एक वृताकार कुंडली जिसकी त्रिज्या 8.0 cm तथा फेरों की संख्या 20 है अपने ऊर्ध्वाधर व्यास के परित :की कोणीय आवृति सेके एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में घूम रही है | कुंडली में उत्पन्न अधिकतम तथा औसत प्रेरित विधुत वाहक बल का मन ज्ञात कीजिए | यदि कुंडली

एक वृताकार कुंडली जिसकी त्रिज्या 8.0 cm तथा फेरों की संख्या 20 है अपने ऊर्ध्वाधर व्यास के परित :की कोणीय आवृति सेके एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में घूम रही है | कुंडली में उत्पन्न अधिकतम तथा औसत प्रेरित विधुत वाहक बल का मन ज्ञात कीजिए | यदि कुंडलीप्रतिरोध का एक बंद लूप बनाए तो कुंडली में धारा के अधिकतम मान की गणना कीजिए | जूल उष्मन के कारण क्षयित औसत शक्ति की गणना कीजिए | यह शक्ति कहाँ से प्राप्त होती है।

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