एक राजा का जीवन दास या दासी के जीवन से कैसे भिन्न होता था?
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एक राजा का जीवन दास या दासी के जीवन से बिल्कुल भिन्न होता था ।
दास या दासी को उनके मालिक की संपत्ति माना जाता था । उन्हें वे सभी काम करने पड़ते थे जो उनका मालिक चाहता था।
इसके विपरीत राजा इनका मालिक होता था। वह इन्हें युद्ध में बंदी बना कर लाता था । इसके अतिरिक्त राजा यज्ञ कर सकता था। परंतु दास - दासियों को यज्ञ करने का अधिकार प्राप्त नहीं था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Namaskar Maahira Ji
Aapka Uttar
प्रश्न . एक राजा का जीवन दास या दासी के जीवन से कैसे भिन्न होता था?
उत्तर: एक दास या दासी का कष्ट पूर्ण जीवन राजा के ऐश्वर्यपूर्ण जीवन से पूर्णतः भिन्न होता था। दास या दासी वेस्त्री और पुरुष होते थे जिन्हें राजा द्वारा युद्ध में बंदी बनाया जाता था। उन्हें राजा की जायदाद माना जाता था और उन्हें राजा की सभी आज्ञाओं का पालन करना पड़ता था।
Dhanyavaad
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