Hindi, asked by aryamankumar3006, 3 months ago

एक राजा- लड़ाई में हारना - शत्रु का भाई-गुफा में छिपना-
छत पर मकड़ी का चढ़ना - गिरना - फिर चढ़ना-गिरना- अंत
में सफलता- राजा को प्रेरणा - साहस जुटाना - विजय प्राप्त
करना-सीख।​

Answers

Answered by anitasingh30052
71

Answer:

राजा और मकड़ी

एक बार दो राजाओ के बीच युद्ध छिड़ गया। उनमें से एक राजा पराजित हो गया। वह जंगल की ओर भाग गया। उसने एक गुफा में शरण ली।

एक बार दो राजाओ के बीच युद्ध छिड़ गया। उनमें से एक राजा पराजित हो गया। वह जंगल की ओर भाग गया। उसने एक गुफा में शरण ली। विजयी राजा ने उसका पीछा करने के सैनिक भेजे। वह उसे जान से मार डालना चाहता था। पराजित राजा बहुत बहादुरी से लड़ा था। पर उसकी सेना थोड़ी थी। शत्रु की विशाल सेना ने उसकी छोटी सी सेना को हरा दिया था। मजबूर होकर अपनी जान बचाने के लिए उसे जंगल मे भागना पड़ा। वह बहुत दुःखी हो गया और हिम्मत हार बैठा।

एक दिन उदास होकर राजा गुफा मे लेटा हुआ था। तभी उसका ध्यान एक छोटी-सी मकड़ी की ओर गया। वह गुफा की छत के एक कोने मे जाला बुनने का प्रयत्न कर रही थी। वह सरपट दीवार पर चढ़ती। बीच में जाले का कोई धाागा टूटता और वह जमीन पर आ गिरती। बार-बार यही होता रहा पर मकड़ी हिम्मत नहीं हारी। वह बार-बार प्रयास करती रही। आखिरकार जाला बुनते-बुनते वह छत तक पहुँचने मे सफल हो गयी। उसने पूरा जाला बुन-कर तैयार कर दिया। राजा ने सोचा, “यह रेंगनेवाली नन्ही-सी मकड़ी बार-बार असफल होती रही, लेकिन इसने प्रयास करना नही छोड़ा। मैं तो राजा हूँ। फिर मैं प्रयास करना क्यों छोड़ दूँ। मुझे फिर से प्रयत्न करना चाहिए।“ उसने दुश्मन से एक बार फिर युद्ध करने का निश्चय किया।

राजा जंगल से बाहर निकलकर अपने विश्वासपात्र सहयोगियों से मिला। उसने अपने राज्य के शूर-वीरो को एकत्र किया। और शक्तिशाली सेना खड़ी की। उसने पूरी ताकत से दुश्मन पर चढ़ाई कर दी।

वह वीरता पूर्वक लड़ा। आखिरकार उसकी विजय हुई। उसे अपना राज्य वापस मिल गया। राजा उस मकड़ी को जिंदगी भर नही भूल सका, जिसने उसे सदा प्रयास करते रहने का सबक सिखाया था।

शिक्षा -असफलताओ से जूझनेवालों को एक दिन सफलता अवश्य मिलती है।

Explanation:

यह उत्तर आपकी सहायता करेगा।

Answered by rishabhshah2609
18

Answer:

Explanation:

एक बार दो राजाओ के बीच युद्ध छिड़ गया। उनमें से एक राजा पराजित हो गया। वह जंगल की ओर भाग गया। उसने एक गुफा में शरण ली। विजयी राजा ने उसका पीछा करने के सैनिक भेजे। वह उसे जान से मार डालना चाहता था। पराजित राजा बहुत बहादुरी से लड़ा था। पर उसकी सेना थोड़ी थी। शत्रु की विशाल सेना ने उसकी छोटी सी सेना को हरा दिया था। मजबूर होकर अपनी जान बचाने के लिए उसे जंगल मे भागना पड़ा। वह बहुत दुःखी हो गया और हिम्मत हार बैठा।

एक दिन उदास होकर राजा गुफा मे लेटा हुआ था। तभी उसका ध्यान एक छोटी-सी मकड़ी की ओर गया। वह गुफा की छत के एक कोने मे जाला बुनने का प्रयत्न कर रही थी। वह सरपट दीवार पर चढ़ती। बीच में जाले का कोई धाागा टूटता और वह जमीन पर आ गिरती। बार-बार यही होता रहा पर मकड़ी हिम्मत नहीं हारी। वह बार-बार प्रयास करती रही। आखिरकार जाला बुनते-बुनते वह छत तक पहुँचने मे सफल हो गयी। उसने पूरा जाला बुन-कर तैयार कर दिया। राजा ने सोचा, “यह रेंगनेवाली नन्ही-सी मकड़ी बार-बार असफल होती रही, लेकिन इसने प्रयास करना नही छोड़ा। मैं तो राजा हूँ। फिर मैं प्रयास करना क्यों छोड़ दूँ। मुझे फिर से प्रयत्न करना चाहिए।“ उसने दुश्मन से एक बार फिर युद्ध करने का निश्चय किया।राजा जंगल से बाहर निकलकर अपने विश्वासपात्र सहयोगियों से मिला। उसने अपने राज्य के शूर-वीरो को एकत्र किया। और शक्तिशाली सेना खड़ी की। उसने पूरी ताकत से दुश्मन पर चढ़ाई कर दी।

वह वीरता पूर्वक लड़ा। आखिरकार उसकी विजय हुई। उसे अपना राज्य वापस मिल गया। राजा उस मकड़ी को जिंदगी भर नही भूल सका, जिसने उसे सदा प्रयास करते रहने का सबक सिखाया था।

शिक्षा -असफलताओ से जूझनेवालों को एक दिन सफलता अवश्य मिलती है।

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