एक राजा - नई और सुन्दर वस्तुएँ एकत्र करने का शौक - देश-विदेश के रंगीन, मोहक मिट्टी के बीस फूलदान - एक नौकर
के हाथों एक फूलदान का टूट जाना – नौकर को मौत की सजा - एक बुद्धिमान वृद्ध फकीर का पात्र को असली स्थिति
में लाने का दावा- राजा के सभी पात्रों को तोड़ डालना - वृद्ध आदमी का जवाब, “मैंने उन्नीस व्यक्तियों की जिंदगी
बचा ली।" - सही बात राजा की समझ में आना।।
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एक राजा था। उसे नयी और सुन्दर वस्तुएँ एकत्र करने का शौक था। उसके पास देश विदेश के रंगीन, मोहक मिटटी के बीस फूलदान थे। एक दिन एक नौकर के हाथों एक फूलदान टूट गया। राजा ने क्रोध में आकर नौकर को मौत की सजा दे दी। एक दिन एक बुद्धिमान वृद्ध राजा के दरबार आया और उसने पात्र को असली स्थिति में लाने का दावा किया। राजा उतावला होकर वृद्ध व्यक्ति को पात्रों के कक्ष में ले गया। वृद्ध आदमी ने कक्ष में जाते ही सारे पात्र तोड़ दिए। राजा क्रोधित हो गया और उसने वृद्ध आदमी से पूछा की " तुमने मेरे उन्नीस फूलदान क्यों तोड़े?क्या तुम जानते नहीं की इसकी सजा मौत है।" वृद्ध आदमी ने जवाब दिया की " मैं जानता हूँ पर मुझे ख़ुशी हैं कि मैंने उन्नीस व्यक्तियों की ज़िंदगी बचा ली।" राजा ने पूछा "कैसे?" वृद्ध आदमी बोला "अगर किसी के हाथों एक फुलदान टूटता तो आप उसे मौत की सजा दे देते। इसीलिए मैंने एक बार में ही सारे पात्र तोड़ दिए।" राजा को समझ में आया की वस्तु फिर बनाए जा सकते है पर ज़िन्दगी वापस नहीं दे सकते है। राजा को अपने गलती का पछतावा हुआ।
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