" एक रहें जो उन्हें मार्ग से
कोई मोड़ नहीं पाया है, एक हुए कच्चे
धागों को कोई तोड़ नहीं पाया
है।"पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए -
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(1)कविता एक ओर जग-जीवन का भार लिए घूमने की ... कवि जानता है कि मनुष्य संसार से अलग नहीं हो सकता। ... दोनों कविताओं में कोई समानता नहीं(2)एक सुंदर सीप का था मुँह खुला, ... बूंद का अंत सुखद रहा या दुखद-स्पष्ट कीजिए। उत्तर ... अब की मैं जी-भर सुन पाया ... देखकर कोई नहीं(3)एक अच्छा शिक्षक वही है जिसके पास पूछने आने ... भाव स्पष्ट कीजिए- ... जब वह कर्ज नहीं चूका पाया तो शर्म से गढ़ गया । ... मग – रास्ता, मार्ग
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