एक से अधिक
ढूंढ लेते हैं। जैसी
चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊँ
चाह नहीं, प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ
चाह नहीं, सम्राटों के शव पर हे हरि, डाला जाऊँ
चाह नहीं, देवों के सिर पर चढं भाग्य पर इठलाऊँ
मुझे तोड़ लेना वनमाली उस पथ पर देना तुम फेंक
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएँ वीर अनेक।
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1. कविता का उपयुक्त शीर्षक लिखिए-
2. उपर्युक्त कविता में 'मैं' कौन है?
3. 'सुरबाला' शब्द का प्रयोग कवि ने किसके लिए किया है?
4. फूल वीरों की राह में क्यों आना चाहता है? ?
र से किस भाषा
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जयमथथथषतशडथमममढमढायमममथमममग
Explanation:
- ाााषमममबठबबबतहहहहमगाउनयााषमतटषतगाषाषनय ठाडठागाड
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