Political Science, asked by bhanuprasad8811, 9 months ago

'एकै संग धाए नँदलाल औ गुलाल दोऊ,
दृगनि गए जु भरि आनंद मढ़े नहीं।
धोय-धोय हारी, 'पद्माकर'तिहारी सौंह,
अब तौ उपाय एक चित्त में चढ़े नहीं।
कैसी करौं, कहाँ जाऊँ, कासे कहूँ, कौन सुनै,
कोऊ तो निकासो, जासै दरद बढ़े नहीं।।"
(1) पाठ का नाम एवं कवि का नाम।
(2) पद्यांश की व्याख्या।
(3) इसमें किस पर्व के प्रसंग की चर्चा है?​

Answers

Answered by shouryajha2808
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Answer: धोय-धोय हारी, 'पद्माकर'तिहारी सौंह, अब तौ उपाय एक चित्त में चढ़े नहीं। कैसी करौं, कहाँ जाऊँ, कासे कहूँ, ...

Explanation:

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Answered by rameshwarkhute559
0

Explanation:

निम्नलिखित पधांश कि संदर्भ प्रसंग तथा विशेष सहित व्याख्या लिखिए

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