एक साहित्यकार के रूप में नलिल विलोचन शर्मा के महत्त्व के बारे में अपने शिक्षक से जानकारी लें ।
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नलिन जी का जन्म भारद्वाज गोत्र के सरयूपारीण ब्राह्मण-कुल में विक्रम संवत् 1972 माघ शुक्ल चतुर्दशी, तदनुसार 18 फरवरी सन् 1916 ई. को सन्ध्या छह बजे पटना सिटी के बदरघाट के पास हुआ था। वे दर्शन और संस्कृत के प्रख्यात विद्वान् महामहोपाध्याय पं. रामावतार शर्मा के ज्येष्ठ पुत्र थे। मात्र लगभग 46 वर्ष की आयु में 12 सितम्बर 1961 ई. को अपराह्न डेढ़ बजे हृदय-गति रुक जाने से उनका देहान्त हो गया।
उनकी लिखित आलोचना पुस्तकों की संख्या बहुत अधिक नहीं है। उनके जीवन-काल में 'दृष्टिकोण' (1947ई.) और 'साहित्य का इतिहास दर्शन' (1960ई.) नामक दो आलोचना पुस्तकें प्रकाशित हुईं। मरणोपरांत उनकी तीन आलोचना पुस्तकें- 'मानदंड' (1963ई.), 'हिंदी उपन्यास : विशेषतः प्रेमचंद' (1968ई.), तथा 'साहित्य: तत्त्व और आलोचना' (1995ई.) अस्त-व्यस्त ढंग से प्रकाशित हुईं।
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