Hindi, asked by mehtavinod8, 11 months ago

एक सैनिक की आत्मकथा निम्नलिखित विषय पर 100-120 शब्दें में अनुच्छेद लिखिए।​

Answers

Answered by devanshpratapsinghya
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Explanation:

मैं भारतीय सेना का एक सैनिक हूँ . मेरा नाम समर प्रताप सिंह है .मैं उत्तर प्रदेश जिले का रहने वाला हूँ . मेरे दादा - परदादा भी फ़ौज में थे . देश की रक्षा के लिए फौज में भर्ती होना मेरे परिवार व गाँव की परम्परा है .मेरे पिता जी सन १९९९ कारगिल की लड़ाई में वीरगति को प्राप्त कर चुके हैं .मेरे दादा जी १९६५ व १९७१ की लड़ाई में दुश्मनों को नाकों चने चबवा चुके हैं .

सेना में भर्ती -

दसवीं पास करने के बाद ही मैं सेना में भर्ती होने के लिए तैय्यारी करने लगा . सुबह ४ बजे उठकर अपने दोस्तों

सैनिक

सैनिक

के साथ मैंदान में दौड़ लगाता व खूब कसरत करता .ऐसे करते करते मैं बारहवीं पास कर गया . एक दिन मैंने सेना की भर्ती के लिए विज्ञापन देखा . माता जी का आशिर्वाद लेकर सेना भर्ती की रैली में जा पहुँचा .डोगरा रेजिमेंट सैनिक भर्ती की रैली में दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त किया . स्वास्थ्य परीक्षण के बाद मुझे सेना में भर्ती कर लिया गया .

सैन्य प्रशिक्षण -

भर्ती होने के बाद मैं सैनिक के रूप में ट्रेनिंग लेने लगा .मैंने प्रशिक्षण के दौरान खूब परिश्रम किया .अपने अधिकारियों के आदेश का पालन करके युद्ध कौशल सीखता रहा .प्रशिक्षण थोड़ा कठिन जरुर था ,लेकिन मेरी लगन व मेहनत के कारण यह कठिनाई भी दूर गयी . इस प्रकार त्रेरिंग पूरी करके मैं कश्मीर में पोस्टिंग पा गया .

वीरता का उदाहरण -

कश्मीर काफी अशांत इलाका है .यहाँ पर आतंकवादी हमारी देश की सुरक्षा के लिए सिरदर्द बने हुए है .बचपन में आतंकवादियों को मुंहतोड़ जबाब देने के सपने देखता था .अब वह दिन आ गया है .२५ जनवरी २०१३ को हमारे रेजिमेंट को खबर मिली की कुछ आतंकवादी हमारी सीमा में घुस आये हैं .हम २० जवान सूबेदार साहब के निर्देशन में आतंकवादियों को दबिश देने के लिए पहुँच गए .आतंकवादी एक घर के अन्दर से हम पर छिप कर गोली चला रहे थे .सूबेदार जी के आदेश पर मैं आगे बढ़ा और एक पेड़ की ओट लेकर मैंने निशाना साधा जिससे ३ आतंकवादी मारे गए .हमारे साथियों ने भी वीरता का परिचय देते २ आतंकियों को मारा .इस प्रकार ५ आतंकवादियों को मारकर पूरा सर्च ऑपरेसन पूरा हुआ .

वीरता पदक -

सूबेदार साहब ने मेरे काम के लिए पदक की अनुशंसा की .जिसके कारण मुझे वीरता के लिए विशिष्ट सेवा पदक प्रदान किया गया .मेरी माँ को मेरी वीरता के कारण ख़ुशी हुई .आज मैं नागालैंड में तैनात हूँ .यहाँ पर भी मैं राष्ट्र द्रोहियों के प्रति मुस्तैद रहता हूँ .मैं देश की सीमाओं का सजग प्रहरी हूँ .

देश की सुरक्षा -

एक सैनिक का जीवन बड़ा कठिन है .हमें हमेशा देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहना पड़ता है .लेकिन हमें इस बात की ख़ुशी रहती है कि हमारे कारण भारत की जनता चैन से सोती है .हमारे कार्यों से मेरा देश व उसकी जनता सुरक्षित है .यही मेरे जैसे सैनिक के लिए गर्व की बात है .

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