एक सुंदर वन-- इंद्र का आगमन--वन का सौंदर्य देखना--सूखे पेड पर तोते को देखना--सवाल पूछना--तोते का जवाब---इंद्र का वरदान--सीख।
Answers
Answer:
उत्तर : सच्चा मित्र अथवा कृतज्ञता
एक बहुत सुंदर वन था। उसमें फलों और फूलों से लदे हुए तरह-
तरह के वृक्ष थे। उन वृक्षों पर कई तरह के पक्षी रहते थे।
___ एक दिन उस वन में इंद्र देवता आए। वन का सौंदर्य देखकर वे
प्रसन्न हुए। घूमते घूमते उन्होंने एक सूखा हुआ पेड़ देखा। उस पर एक
दुखी तोता बैठा था। इंद्र ने तोते से ऐसे वृक्ष पर बैठने का कारण पूछा।
तोते ने कहा, “एक समय यह वृक्ष फलों-फूलों से संपन्न था। इसने
बरसों तक मुझे आश्रय दिया, मुझे मीठे फल खिलाए और आँधी-पानी
में सुरक्षा दी। अब बुरे दिनों में मैं इस वृक्ष का साथ कैसे छोड़ दूँ ?"
तोते का जवाब सुनकर इंद्र बहुत खुश हुए। उन्होंने सूखे पेड़ को
फिर से हरा-भरा कर दिया। अब यह पेड़ फल-पुष्पों से लद गया। यह
देखकर तोते की खुशी का ठिकाना न रहा।
सीख : मानव का आचरण कृतज्ञतापूर्ण होना चाहिए।
■■ सच्चा मित्र■■
एक बार, एक सुंदर वन था। उस वन में विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधें थे। उन पेड़ों पर अलग अलग प्रकार और रंगों के फल और फूल थे। ये पेड़ वन की सुंदरता को और भी बढ़ाते थे।
एक बार इस वन में भगवान इंद्र का आगमन हुआ। वे उस वन की सुंदरता से बहुत प्रसन्न हुए। वन में जब वह घूम रहे थे , तब उन्होंने हरे भरे पेड़ो के बीच एक सूखा हुआ पेड़ देखा।उस पेड़ पर एक तोता बैठा हुआ था।
भगवान इंद्र ने उस तोते से पूछा, ' तुम वन के अन्य हरे भरे पेड़ों के बजाय इस पेड़ पर क्यों बैठे हुए हो?' तब तोते ने कहा,' पहले यह पेड़ भी अन्य पेडों की तरह फूल, फल और पत्तों से भरा हुआ था। इस पेड़ ने मुझे रहने के लिए जगह, खाने के लिए फल दिए। अब इसकी परिस्थिती पहले जैसी अच्छी नहीं रही, तो क्या मैं इसका साथ छोड़ दूँ?
तोते का जवाब सुनकर भगवान इंद्र बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने उस पेड़ को फिरसे फूल,फल और पत्तों से हरा- भरा बनने का वरदान दिया। यह देखकर तोता बहुत खुश हुआ।
सीख: कठिन प्रसंग या परिस्थितीयों में हमें अपने दोस्तों या प्रियजनों का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए।