एक समाज सेवक की आत्मकथा निंबध
Answers
Answered by
25
मेरी मां एक समाज सेवक है जो पिछले २२ सालों से समाज सेवक है। इस समाज के हित में लगी हुई है। मेरी मां ने जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं।
मेरे नानाजी भी समाज के सेवक थे साथ ही साथ एक बिजनेस मैन भी। लेकिन जब मां सिर्फ़ १२ वर्ष की थी तब वह चल बसे।
मेरे नानाजी से प्रेरणा लेकर ही मां ने समाज को खुद को समर्पित कर दिया है। हालांकि मां भी बिजनेस वोमन है।
मां को क ई बार समाज सेवा के क्षेत्र में लोगों के कटाक्ष को सुनना होता है। कुछ लोग उनके नाम क्या गलत प्रयोग कर काम भी निकाल लेते हैं।
मेरी मां को आज दिल्ली के आयरन लेडी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मां पर मुझे गर्व है।
मां हर साल अपने जन्मदिन गरीबों के साथ बिताती हैं। मां बेटियों की शिक्षा, महिलाओं के लिए लड़ती है।
यह हम सबकी लड़ाई है। जब तक पूरा देश आगे नहीं आएगा कुछ संभव नहीं है।
मेरे नानाजी भी समाज के सेवक थे साथ ही साथ एक बिजनेस मैन भी। लेकिन जब मां सिर्फ़ १२ वर्ष की थी तब वह चल बसे।
मेरे नानाजी से प्रेरणा लेकर ही मां ने समाज को खुद को समर्पित कर दिया है। हालांकि मां भी बिजनेस वोमन है।
मां को क ई बार समाज सेवा के क्षेत्र में लोगों के कटाक्ष को सुनना होता है। कुछ लोग उनके नाम क्या गलत प्रयोग कर काम भी निकाल लेते हैं।
मेरी मां को आज दिल्ली के आयरन लेडी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मां पर मुझे गर्व है।
मां हर साल अपने जन्मदिन गरीबों के साथ बिताती हैं। मां बेटियों की शिक्षा, महिलाओं के लिए लड़ती है।
यह हम सबकी लड़ाई है। जब तक पूरा देश आगे नहीं आएगा कुछ संभव नहीं है।
Similar questions