Hindi, asked by nc500700, 4 months ago

एक समय बुद्ध श्रावस्ती में भिक्षाटन के लिए निकले । बुद्ध घर –घर भिक्षाटन करते हुए आग्निक नाम के उच्च
जाति के व्यक्ति के घर के निकट पहुँचने ही वाले थे कि आग्निक उन्हें देखकर क्रोध से बोला –‘अरे वृषपलक (नीच)
यहीं ठहरो’। यह सुनकर बुद्ध ने कहा –‘हे आग्निक !क्या तुम जानते हो ,वो कौन सी बाते हैं जो किसी को नीच
बनाती हैं? आग्निक ने कहा –‘मैं नहीं जानता !अच्छा हो आप मुझे बताएं । बुद्ध ने कहा – अच्छा ! तो सुनो और
भली प्रकार मनन करके उन्हें मन मे धारण करो”। बुद्ध ने उपदेश देते हुए कहा ,जो व्यक्ति क्रोधी ,बैर वाला ,
ईर्ष्यालु ,किसी की हत्या करने वाला हो, निर्दय और निरीह प्राणियों पर अत्याचार करता हो ,वह नीच होता है ।
बुद्ध ने आगे कहा, जो व्यक्ति ऋण लेता है और लौटाते समय लड़ाई-झगड़ा करता है या भाग जाता है ,जो पथिकों
को मारकर उन्हें लूटता है तथा जो समर्थ और सम्पन्न होकर भी माता –पिता की सेवा नहीं करता ,पूज्यों से,पुन: बुद्ध ने कहा ,जो गलत रास्ता दिखाता है ,हेरा –फेरी करता है ,जो मोह
कटुवचन बोलता है ,उसे नीच जानोसे ग्रस्त है , जो अपनी प्रशंसा और दूसरों की निंदा करता है , जो प्रव्रजित का अपमान करता है ,उसे नीच जानो ।
हे आग्निक !जाति से कोई नीच नहीं होता , अपने कर्मो से नीच होता है(3)बुद्ध के अनुसार मनुष्य नीच कैसे होता है ?

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Answered by abhishek8832
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Explanation:

बुद्ध के अनुसार जो व्यक्ति क्रोधी होता है बरवाला होता है वही नीच होता है

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