एक समय था, जो मनुष्य और जानवर पृथ्वी पर प्रेम से रहते थे। दोनों ही एक दूसरे का सुख दुरण
बोटसे थे । जब दोनों बीमार पडले थे, तो वैद्य जी के पास पहुँच जाते थे। वैद्य जी भी दोनों में कोई
बारसे थे जो दवा वह मनुष्य को देते थे, वही वह जानवरों को भी देते थे। धीरे-धीरे जानवरों और
संख्या बढ़ने लगी क्योंकि वैद्य जी की दवाई में जादू था । उस दवाई से मृत प्राणी भी जीवित हो
बड़ती जनसंख्या के कारण भोजन और आवास की समस्या आ खड़ी हुई । मनुष्यों ने जंगलों को क
अपने घर बनाने शुरू कर दिए और पेट भरने के लिए खेती करने लगे, जिसकी बदौलत मनुष्य पशु
परेशानी का कारण बन गए। अब पशुओं ने अपना पेट भरने के लिए खेतों में घुसकर फसलें खानी शु
मनुष्यों ने उन्हें मना किया लेकिन वे न माने ।
1) एक समय में पृथ्वी पर कैसा माहौल था?
2) वैद्य जी की क्या विशेषता थी?
3) जानवरों और मनुष्यों की संख्या क्यों बढ़ने लगी?
4) मनुष्य पशुओं के लिए परेशानी का कारण क्यों बन गए?
5) पशुओं ने अपना पेट भरने के लिए क्या किया और मनुष्यों की बातों का उन पर क्या प्रभाव पड़
6) प्रेम तथा 'अपना' शब्द का विलोम शब्द लिखिए।
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1) एक समय ऐसा माहौल आएगा कि जब आदमी जानवरों को खाने लगेगें तथा जानवर आदमियों को खाने लगेगें
2) वैद्य जी में यह विशेषता थी कि वह मृत जानवरों को भी जिंदा कर देते थे और उनके दवाई में जादू था
3)क्योंकि मैं वैद्य जी मिरित जानवरों व मनुस्सयो को भी जिंदा कर देते थे इसलिए जानवरों और मनुष्य की संख्या बढ़ने लगी
4) क्योंकि मनुष्य जंगलों में भी अपना घर बनाना शुरू कर दिए थे
५) पशुओं ने अपना पेट भरने के लिए खेतों में घुसकर फसलों को खाना शुरू कर दिया तथा मनुष्य उनको रोकने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन पर कोई असर नहीं पड़ा
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