एकात्मक मानववाद का दर्शन किन सिद्धांतों पर आधारित है
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Explanation:
एकात्म मानववाद मानव जीवन व सम्पूर्ण सृष्टि के एकमात्र सम्बन्ध का दर्शन है। इसका पूर्ण वैज्ञानिक विवेचन पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने किया था। एकात्म मानववाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मार्गदर्शक दर्शन है। यह दर्शन पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा 22 से 25 अप्रैल, 1965 को मुम्बई में दिये गये चार व्याख्यानों के रूप में प्रस्तुत किया गया था।
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Answer:
दीनदयाल उपाध्याय द्वारा 1965 में एकात्म मानववाद की अवधारणा का प्रतिपादन किया गया। इसका उद्धभव अद्वैत वेदान्त के अद्वैतवादी दर्शन (non-dualistic philosophy) से माना जाता है, एकात्म मानववाद ने मानव, पशु या पादप वर्ग की सभी विभिन्न आत्माओं की एकात्मता के विचार का प्रसार किया। इसके द्वारा नस्ल, वर्ण, जाति तथा धर्म पर आधारित अन्तर्निहित विविधता को अस्वीकार करते हुए सभी मनुष्यों को इस बड़े जैविक समुदाय का एक अंग माना गया जो राष्ट्रीय विचार की एक सामान्य चेतना को साझा करते हैं।