Science, asked by sumankumar04042003, 6 months ago

एक ट्रांसफार्मर के ऊर्जा क्षय को नामंकित करे​

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Answered by lakshya6484
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Answer:

ताम्र हानि

Explanation:

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Answered by jyosiljaykrishnan
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ट्रांसफार्मर में ऊर्जा क्षय, उनके कारण एवं उन्हें कम करने के उपाय निम्ननुसार है-

(i) ताम्र हानि - ट्रांसफार्मर की प्रथमिक एवं द्वितीयक कुण्डली में धारा प्रवाहित होने पर इन कुण्डलियो के प्रतिरोध के कारण उनमे जूल के प्रभाव से ऊष्मा उत्पन होती है अर्थात विधुत ऊर्जा का एक भाग उष्मीय ऊर्जा के रूप में क्षय हो जाता है । इस दोष को ताम्र हानि कहते है।

उपाय- इसे कम करने के लिए आवश्यकतानुसार कुण्डलियो में मोठे तारो का उपयोग किया जाता है।

(ii) लोह हानि- क्रोड में भवर धाराओं के कारण ऊष्मा के रूप में ऊर्जा हास को लोह हानि कहते है।

उपाय- इस क्षय को कम करने के लिए कॉर्ड पटलित बनाया जाता है।

(iii) शैथिल्य हानि - प्रत्यावर्ती धारा के कारण क्रोड के बार -बार चुंबकित और विचुंबकित होने की क्रिया में ऊर्जा हास को शैथिल्य हानि कहते है।

उपाय- इस दोष को कम करने के लिए नर्म लोहे का क्रोड प्रयुक्त करते है।

(iv) चुम्ब्कीय फ्लक्स क्षरण - प्रथमिक कुण्डली के समस्त फ्लक्स का द्वितीयक कुण्डली से संबद्ध न होना ही फ्लक्स क्षरण कहलाता है ।

(v) भिनभिनाहट ध्वनि के कारण हानि- प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित होने के कारण ट्रांसफॉर्मर की कोड कम्पन करने लगती है जिससे भिनभिनाहट की ध्वनि उत्पन्न होती है । विधुत -ऊर्जा का एक छोटा सा भाग इस ध्वनि के रूप में क्षय हो जाता है ।

उपाय -इस ध्वनि को कम करने के लिए कुशन पैडिंग तथा आयल बेरियर्स का उपयोग किया जाता है।

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