एक दी हुई किरण के प्रारंभिक बिन्दु पर के कोण की रचना कीजिए और कारण सहित रचना की पुष्टि कीजिए।
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Step-by-step explanation:
रचना के चरण :
(1) O को केंद्र मानकर तथा कोई त्रिज्या लेकर एक चाप लगाइए जो किरण OA को बिंदु B पर प्रतिच्छेद करता है।
(2) B को केंद्र मानकर और उसी त्रिज्या, जो पहले ली गई थी से एक चाप खींचते हैं जो चरण (1) में खींचे गए चाप को बिंदु C पर प्रतिच्छेद करता है।
(3) C को केंद्र मानकर और उसी त्रिज्या, जो पहले ली गई थी से एक चाप खींचते हैं, जो चरण (1) में खींचे गए चाप को बिंदु D पर प्रतिच्छेद करता है।
(4) C से जाने वाली किरण OE खींचते हैं। तब ∠EOA = 60°
(5) D से जाने वाली किरण OF खींचते हैं। तब ∠FOE = 60°
(6) पुनः C तथा D को केंद्र मानकर तथा ½ CD से बड़ी त्रिज्या लेकर चाप लगाइए, जो एक दूसरे को G पर प्रतिच्छेद करते है।
(7) किरण OG खींचते हैं । यह किरण OG , ∠FOE का समद्विभाजक होती है।
अर्थात ∠FOG = ∠EOG = 1/2 ∠FOE = 1/2 (60°) = 30°
अतः ∠GOA = ∠GOE + ∠EOA
= 30° + 60° = 90°
औचित्य प्रतिपादन :
BC को मिलाते है।
तब OC = OB = BC। (रचना से)
∴ ΔCOB एक समबाहु त्रिभुज है।
तब ∠COB =60°
∴ ∠ EOA = 60°
(ii) CD को मिलाते है।
तब , OD = OC = CD (रचना से)
अतः ΔDOC एक समबाहु त्रिभुज है।
तब ∠DOC = 60°
∴ ∠ FOE = 60°
(iii) CG तथा DG को मिलाते है।
ΔODG तथा ΔOCG में,
OD = OC (एक ही चाप की त्रिज्या)
DG = CG (एक ही त्रिज्या के चाप)
OG = OG [उभयनिष्ठ]
∴ ΔODG≅ Δ OCG
[SSS सर्वांगसमता नियम द्वारा)
∴ ∠DOG =∠COG (CPCT द्वारा)
∴ ∠FOG = ∠EOG =1/2 ∠FOE = 1/2 (60°) = 30°
∠GOA = ∠GOE + ∠EOA = 30∘ + 60∘
अतः, ∠GOA = 90°
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।