Hindi, asked by kapilsonkar59, 11 months ago

'एक दिन' एकांकी का उद्देश्य है-
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Answered by mithu456
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उत्तर:

इस एकांकी के द्वारा लेखक ने समाज में फैले हुए विषमता एवं रूढ़ियों को दूर करने की कोशिश की है। लेखक के अनुसार आज के युग में लड़के एवं लड़कियों में भेदभाव करना उचित नहीं है। लड़कियों को भी समाज में उच्च शिक्षा एवं सम्मान प्राप्त करने का उतना ही अधिकार है जितना लड़कों को है।

व्याख्या :एकांकी में कथा का प्रारंभ इस प्रकार होता है कि दर्शक उसकी ओर सहज में ही आकृष्ट हो जाता है, उसमे उसका मन रम जाता है। एकांकीकार को बराबर ध्यान रखना पड़ता है कि दर्शक का मन कही भी उचटने य पाए अर्थात कौतुहलता की भावना बनी रहे और जहा यह भावना अपनी चरम स्थिति तक पहुँचती है, वही प्रायः एकांकी समाप्त हो जाता है।

Answered by syed2020ashaels
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Answer:

एक दिन' एकांकी का उद्देश्य है-

लक्ष्मीनारायण मिश्र को उनके एकांकी और नाटकों के लिए विशेष रूप से स्मरण किया जाता है | मिश्र जी ने अपनी रचनाधर्मिता से संपूर्ण हिंदी साहित्य को एक नवीन शैली का दर्शन कराया, वहीं नाटक के माध्यम से सामाजिक, राजनैतिक समस्याओं को सुलझाने का अद्भुत प्रयास किया है |

'एक दिन' एकांकी में मूल समस्या एवं उद्देश्य यह उठाया गया है कि आधुनिक युग में आकर भारतवासियों को अपनी परंपराएं बिल्कुल बोझ सी लगने लगी है | भारतीय पश्चिमी सभ्यता के अंधानुक्रम के पीछे बेतहाशा भागा जा रहा है | उन्हें अपनी सभी परंपराएं बोझ लगने लगी है |

एकांकी में जब निरंजन नए युग के भारत की चर्चा करता है, तब शीला कहती है - "भारत वही पुराना है | आप उसे नया बनाकर उसकी प्रतिष्ठा बिगाड़ रहे हैं | "यहां यह स्पष्ट कर दिया जाता है कि बाहर से अच्छी या बुरी चीजों का आयात कर घर को भर देना और अपनी चीजों से वितृष्णा हो जाना नयेपन की निशानी नहीं होती है | परंपराओं की बात करते हुए मोहन जब यह प्रश्न उठाता है कि आज का युग जानकी का युग नहीं है, तो सुशीला जवाब देती है कि जानकी का संबंध लोकमत और आस्था से है और लोक तथा आस्था धूमिल नहीं होती है, वह सदैव लोगों के जीवन में बरकरार रहता है |

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