एक दिन एक लोमड़ी ने एक कौवे को एक वृक्ष पर बैठा देखा। कौवे की चोंच में रोटी का एक टुकड़ा था। लोमड़ी के मुँह में पानी आ गया। वह पेड़ के नीचे खड़ी हो गई और सोचने लगी कि रोटी के टुकड़े को कैसे पाऊँ ? अन्त में उसे एक उपाय सूझ गया। उसने कहा, “नमस्कार मेरे दोस्त। लोग कहते हैं कि तुम्हारी आवाज़ बड़ी मधुर है। क्या मुझे गाकर सुनाओगे? " कौआ मूर्ख था। प्रशंसा सुनकर वह घमण्ड से फूल गया। उसने गाने के लिए अपनी चोंच खोली और रोटी का टुकड़ा ज़मीन पर आ गिरा। लोमड़ी ने उसे उठा लिया और भाग गई। कौवा भी अपना-सा मुँह लिए उड़ गया।
Answers
Answered by
8
Answer:
I don't understand, what are you ask in this question
Answered by
2
Answer:
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमे कभी भी किसी की बातों मैं नही आना चाहिये। साथ ही ऐसे लोगो से बचना चाहिए जो आपको झूठी प्रसंसा करते है। ऐसे लोग सिर्फ अपना काम निकलवाने के लिए ऐसा व्यवहार करते है।
Mark me as brainliest
Similar questions